नवग्रह और जन्मकुंडली में भवानी माता की पूजा और महत्व-2-🔱🧘‍♀️🙏🌟🔮

Started by Atul Kaviraje, October 12, 2025, 04:48:36 PM

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Atul Kaviraje

नवग्रह और जन्मकुंडली में भवानी माता की पूजा और महत्व-
(भवानी माता की पूजा और नवग्रह और जन्म कुंडली में इसकी भूमिका)
(The Worship of Bhavani Mata and Its Role in Navagraha and Birth Chart)
Bhavani MatA Puja and importance in 'Navgraha' and 'Janmakundli'-

नवग्रह और जन्मकुंडली में भवानी माता की पूजा और महत्व-
(भक्तिभाव पूर्ण लेख)

6. रोग मुक्ति और स्वास्थ्य लाभ
स्वास्थ्य की देवी: भवानी माता को रोग नाशिनी भी कहा जाता है। उनकी पूजा करने से गंभीर और लंबे समय से चले आ रहे रोगों से मुक्ति मिलती है।

उदा. नवार्ण मंत्र: नवार्ण मंत्र का जाप शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए अत्यंत लाभदायक माना जाता है।

7. भवानी पूजा की विधि और उपकरण
सरल विधि: माता की पूजा में लाल वस्त्र, लाल फूल (गुलाब/गुड़हल), धूप, दीप, और भोग (मिठाई) का प्रयोग होता है।

साधना: प्रतिदिन या विशेषकर मंगलवार/शुक्रवार को "ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे" मंत्र का जाप करना शुभ फलदायी होता है।

8. मातृ दोष (Matru Dosh) का निवारण
मातृ कारक: कुंडली में चतुर्थ भाव (सुख और माता) और चंद्रमा पर अशुभ ग्रहों का प्रभाव मातृ दोष उत्पन्न कर सकता है।

निवारण: भवानी माता की पूजा माँ के स्वास्थ्य और संबंधों में सुधार लाती है और मातृ दोष को दूर करती है।

9. विवाह और संबंध (Marriage and Relationships) में महत्व
शुक्र और गुरु: माता भवानी की कृपा शुक्र (वैवाहिक सुख) और गुरु (ज्ञान और संतान) की स्थिति को भी मजबूत करती है।

सुखी वैवाहिक जीवन: जो व्यक्ति सुखी वैवाहिक जीवन की कामना करते हैं, उन्हें माता की आराधना से सौभाग्य प्राप्त होता है।

10. भक्ति और समर्पण (Devotion and Surrender) का फल
निःस्वार्थ भक्ति: भवानी माता की पूजा का सबसे बड़ा लाभ यह है कि यह व्यक्ति को निःस्वार्थ भक्ति और पूर्ण समर्पण सिखाती है।

सार: भक्तिभाव से की गई पूजा व्यक्ति के पापों का नाश करती है और उसे जीवन के हर क्षेत्र में सुरक्षा और सफलता प्रदान करती है।

--संकलन
--अतुल परब
--दिनांक-10.10.2025-शुक्रवार.
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