यादें..

Started by Rohit Dhage, December 12, 2011, 11:31:12 PM

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Rohit Dhage

कहाँ गयें वोह दिन.. वोह बचपन की बातें..
वोह प्यारी सी यादें...वोह झूट मूट के वादें..
बड़े होने का इन्तेजार तो खूब किया था बचपन में...
अब फिरसे बचपन के दो पल ही सही...
उन्हें फिरसे जी आयें..उनमे खो जायें..
जानता हूँ मुंकिन नहीं है मेरे सपने...
तोह रात के सपने तोह सुहाने बन जायें..
कल की सुबह केलीयें थोड़ी जान लेकर आयें..
उन्हें याद करके हम कल भी हस पायें... हम कल भी जी पायें...


- रोहित