चारोळी

Started by हर्षद कुंभार, December 22, 2011, 10:42:14 PM

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हर्षद कुंभार

हम जहा भी जाते है.... लबो पे एक नाम बन जाते है ,हर पल में एहसास बन जाते है, हमसे जरा बचके रहना....हम आंखोसे निंद और दिल से धडकन चुरा ले जाते है - हर्षद कुंभार