चारोळी

Started by हर्षद कुंभार, December 22, 2011, 10:50:10 PM

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हर्षद कुंभार

दिल की हर आवाज को
प्यार का नाम मत दो,
चाहत की हर मांग को
प्यार नही केहते.
हम तो हमेशा फिक्र में दुबे रहते है
और आप है की इसे हमेशा प्यार समज लेते है - हर्षद कुंभार