🪷 भक्तिभाव पूर्ण स्वामी शान्तानन्द सरस्वती आराधना 🪷🙏 शांतानंद स्वामी आराधना-

Started by Atul Kaviraje, November 05, 2025, 11:51:23 AM

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Atul Kaviraje

🪷 भक्तिभाव पूर्ण स्वामी शान्तानन्द सरस्वती आराधना 🪷

यह कविता शंकराचार्य स्वामी शांतानंद सरस्वती की पुण्य तिथि (आराधना) के अवसर पर मंगलवार, 04 नवंबर, 2025 को आंध्र प्रदेश के नारायण पेठ स्थित उनके मठ या आश्रम में एक विशेष धार्मिक कार्यक्रम की संभावना मानकर तैयार की गई है। (नोट: स्वामीजी की पुण्यतिथि 7 दिसंबर को है, लेकिन स्थानीय स्तर पर आराधना उत्सव अलग-अलग दिनों में मनाए जाते हैं।)

यह स्वामी शांतानंद सरस्वती के आध्यात्मिक विचारों और शांति की शिक्षाओं पर आधारित, भक्ति से परिपूर्ण, सात छंदों वाली एक सुंदर और सार्थक मराठी कविता है।

🙏 शांतानंद स्वामी आराधना (मराठी कविता) 🙏

श्लोक 1
नारायण पेठ आज जाग उठा,
आंध्र की धरती में भक्ति की साँसें।
शांतानंद स्वामी की पूजा,
यह पुण्यतिथि का विशेष दिन है। 🌄

मराठी अर्थ (मराठी में अर्थ):
आंध्र प्रदेश का नारायण पेठ स्थान आज (उत्साह से भरा हुआ) जाग उठा है।
आंध्र प्रदेश की धरती में भक्ति की सुगंध फैल रही है।
आज स्वामी शांतानंद सरस्वती की पूजा (पुण्यतिथि) मनाई जा रही है।
यह उनकी स्मृति में एक विशेष दिन है।

श्लोक 2
सरस्वती स्वामी, ज्योतिर्मठ के तेजस्विनी,
अद्वैत वेदांत का महान मार्ग।
शांति के दूत, ज्ञान के भंडार,
उन्होंने संसार को जीवन का अर्थ दिया। 💡

मराठी अर्थ (मराठी में अर्थ):
स्वामी शांतानंद सरस्वती ज्योतिर्मठ (आदि शंकराचार्य द्वारा स्थापित एक मठ) के तेजस्विनी थे।
उन्होंने अद्वैत वेदांत (अद्वैत, एकत्व) का महान मार्ग दिखाया।
वे शांति के दूत और ज्ञान के महान भंडार थे।
उन्होंने पूरे संसार को जीवन का सही अर्थ समझाया।

श्लोक 3
वे संन्यासी बन गए, संसार त्याग दिया,
लेकिन गृहस्थ जीवन का ज्ञान भी दिया।
संसार में रहते हुए आध्यात्मिकता बनाए रखनी चाहिए,
उन्होंने जीवन में कर्म-योग का संचार किया। 🧘

मराठी अर्थ (मराठी में अर्थ):
उन्होंने संसार त्याग दिया और संन्यासी बन गए।
लेकिन उन्होंने गृहस्थ जीवन (संसार में रहकर) का ज्ञान भी दिया।
संसार में रहते हुए भी अध्यात्म का पालन करना चाहिए।
उन्होंने जीवन में कर्म-योग (कर्म करके भक्ति) के दर्शन की स्थापना की।

श्लोक 4
आज समाधि की पूजा चल रही थी,
आरती हुई, मंत्रों का उच्चारण हुआ।
कमल के फूल, चंदन, भस्म का लेप,
स्वामी की कृपा दृष्टि सभी पर बनी रही। 🕉�

मराठी अर्थ (मराठी में अर्थ):
आज स्वामीजी की समाधि की पूजा चल रही है।
हर जगह आरती और मंत्रों का जाप हो रहा है।
समाधि पर कमल के फूल, चंदन और भस्म (राख) चढ़ाई जा रही है।
स्वामी की कृपा और आशीर्वाद सभी पर बना रहे।

श्लोक 5
गुरु की आज्ञा से कर्म स्वीकार किया,
वे ब्रह्मानंद स्वामी के अनन्य शिष्य थे।
शांति, प्रेम और सेवा का मंत्र,
उनकी भक्ति पूरे विश्व में फैल गई। 🕊�

मराठी अर्थ:
उन्होंने अपने गुरु (ब्रह्मानंद सरस्वती) के आदेशानुसार अपना कार्य स्वीकार किया।
वे ब्रह्मानंद सरस्वती स्वामी के अनन्य शिष्य थे।
उन्होंने शांति, प्रेम और सेवा का संदेश दिया।
उन्होंने अपने इस महान कार्य (ध्यास) को पूरे विश्व में फैलाया।

श्लोक 6
आराधना का अर्थ है भक्ति,
सिर को चरणों पर रखना।
स्वामी की स्मृति को नमन करके,
आइए हम सद्गुरु के मार्ग पर चलें। 📖

मराठी अर्थ:
पूजा पूर्ण समर्पण की भावना है।
गुरु के चरणों में सिर झुकाना।
स्वामी की स्मृति को नमन करके,
आइए हम सद्गुरु (सत् + गुरु) की शिक्षाओं के मार्ग पर चलें।

श्लोक 7
हे स्वामी शांतानंद, दयालु गुरु,
हमारे मन को शांति और हमारी बुद्धि को तेज प्रदान करें।
समस्त अंधकार को दूर करके,
हमारे जीवन में ज्ञान का सूर्य उदय हो। ☀️

मराठी अर्थ (मराठी में अर्थ):
हे स्वामी शांतानंद, दयालु गुरु,
हमारे मन को शांति और हमारी बुद्धि को तेज प्रदान करें।
हमारे जीवन से समस्त अज्ञान (अंधकार) को दूर करके।
जीवन में ज्ञान का सूर्य (ज्ञान-सूर्य) सदैव उदय हो।

✨ इमोजी सारांश ✨
शांतानंद स्वामी 🙏, नारायण पेठ 🏡, आराधना 🪷, ज्योतिर् मठ 🔱, शांति 🕊�, ज्ञान 💡, समर्पण 💖, गुरु 🧘, सूर्य ☀️।

--अतुल परब
--दिनांक-04.11.2025-मंगळवार.
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