🇮🇳 सहिष्णुता: भारतीय समाज की आत्मा और एकता 🤝-2-⚖️🕊️🗳️📖🤝🌍🧐❤️🕊️🇮🇳🤝💖

Started by Atul Kaviraje, November 08, 2025, 07:21:28 PM

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Atul Kaviraje

🇮🇳 सहिष्णुता: भारतीय समाज की आत्मा और एकता 🤝
(सहिष्णुता/समावेशीता: भारतीय समाज की आत्मा और एकता)

5. भावी पीढ़ी की चेतना और शिक्षा 👶
कविता
बच्चों को सिखाया जाए, सहिष्णुता का रहस्य,
शांति का पाठ, मानवता का सार,
मन में द्वेष न हो, प्रेम का संस्कार हो,
भारतीय संस्कृति का आदर्श कायम रहे!

मराठी अर्थ (प्रत्येक पदचा अर्थ)
अर्थ: बच्चों को सहिष्णुता का रहस्य सिखाया जाए।
अर्थ: उन्हें शांति का पाठ पढ़ाया जाए, और मानवता का सद्मार्ग दिखाया जाए।
अर्थ: मन में किसी के प्रति द्वेष न हो, प्रेम और अच्छे संस्कारों का विकास किया जाए।
अर्थ: भारतीय संस्कृति के सर्वोत्तम आदर्श को सदैव सुरक्षित रखें।

इमोजी सारांश: 📚🌱❤️

6. विश्व को संदेश (वसुधैव कुटुम्बकम) 🌎
कविता (कविता)
सहिष्णुता ही शक्ति है, विश्व को संदेश दो,
वसुधैव कुटुम्बकम, यही हमारा देश है,
विविधता की महिमा, समरसता का मार्ग,
सुख-शांति बनी रहे, समाज का मार्ग!

मराठी अर्थ (प्रत्येक पदचा अर्थ)
अर्थ: सहिष्णुता सबसे बड़ी शक्ति है, जो पूरे विश्व को संदेश (सूचना) देती है।
अर्थ: पूरा विश्व एक परिवार है (वसुधैव कुटुम्बकम), यही हमारे देश का मूल विचार है।
अर्थ: विभिन्नता का सम्मान (महिमा) करो, और शांति का मार्ग (पथ) चुनो।
अर्थ: सर्वत्र सुख-शांति (सुख-शांति) हो, समाज का नाश (पथ) न हो।

इमोजी सारांश: 🌐✌️🕊�

7. निष्कर्ष (अंतिम संकल्प) 🙏
कविता (कविता)
हे भारत माता, हमें सहनशीलता की शक्ति प्रदान करें,
मेल-मिलाप की महानता को कभी न भूलें,
प्रेम और समानता, जीवन का आधार,
सहिष्णुता की विजय हो, जय जयकार होवो!

मराठी अर्थ (प्रत्येक पदचा अर्थ)
अर्थ: हे भारत माता, हमें सहनशीलता की शक्ति प्रदान करें।
अर्थ: हमें शांति (मेल-मिलाप) के महत्व (आवश्यकता) को कभी नहीं भूलना चाहिए (नहीं भूलना चाहिए)।
अर्थ: प्रेम और समानता जीवन का आधार (आधार) हैं।
अर्थ: सहिष्णुता की विजय हो, इसका उत्सव सर्वत्र मनाया जाए!

इमोजी सारांश: 🚩✨💫📝

संक्षिप्त अर्थ
सहिष्णुता भारतीय समाज का आधार और संस्कृति की एक अमूल्य संपत्ति है। यह कविता कहती है कि सहिष्णुता का अर्थ है अनेक धर्मों और विभिन्न मतों का सम्मान करना, घृणा का त्याग करना और प्रेम बढ़ाना। संतों ने हमें मानवता और विश्व बंधुत्व का महत्व सिखाया है। लोकतंत्र में समानता और शांति बनाए रखने के लिए सहिष्णुता आवश्यक है। भावी पीढ़ी को घृणा से दूर रखते हुए, उनमें प्रेम के मूल्यों का संचार करना सभी का धर्म है। 'वसुधैव कुटुम्बकम' (सारी दुनिया एक परिवार है) का संदेश दुनिया तक पहुँचाने और समाज में सुख-शांति लाने के लिए सहिष्णुता का होना ज़रूरी है।

--अतुल परब
--दिनांक-07.11.2025-शुक्रवार.
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