📜 सतर्कता का पाठ (चाणक्य नीति - अध्याय 1, श्लोक 15)-📜 👑 🌊 💨 🗡️ 🚨 🐅 🐂 👩

Started by Atul Kaviraje, November 13, 2025, 11:41:12 AM

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Atul Kaviraje

चाणक्य नीति प्रथम अध्याय -

नदीनां शस्त्रपाणीनां नखीनां श्रगिणां तथा।
विश्वासो नैव कर्तव्यःस्त्रीषुराजकुलेषु च ।।१५।।

📜 सतर्कता का पाठ (चाणक्य नीति - अध्याय 1, श्लोक 15)

॥ श्लोक ॥

नदियाँ और शस्त्र

नदी का प्रवाह चंचल है,
उसका जल क्षणभंगुर है;
शस्त्रों का जल मनुष्य के लिए विश्वसनीय नहीं है,
क्रोध की कोई सीमा नहीं है!

कड़वे जानवर और सींग वाले जानवर

सींग वाले जानवरों का स्वभाव हिंसक होता है,
वे स्वभाव से ही विनाशकारी होते हैं;
सींग वाले जानवर अचानक क्रोधित हो जाते हैं,
उनके पास जाना खतरनाक है!

कड़वे जानवर 3: आस्था की सीमाएँ

इन सभी का स्वभाव अस्थिर होता है,
संकट के समय ये भयानक हो सकते हैं;
यहाँ सतर्कता ही एकमात्र सुरक्षा है,
यहाँ अंधविश्वास नहीं होना चाहिए!

कदवे 4: स्त्री और उसका स्वभाव (नीतिगत दृष्टिकोण)

स्त्री की भावनाओं का स्वरूप कोमल होता है,
कभी चंचल, कभी स्थिर;
उनकी भावनाओं में कोई उलझन न हो,
महत्वपूर्ण बातों का भंडार हो!
(नोट: चाणक्य ने यह संदर्भ राजनीति और गोपनीयता के दृष्टिकोण से दिया है।)

कड़वे 5: राजपरिवार का रहस्य

राजपरिवार सत्ता का केंद्र है,
वहाँ एक बड़ा षड्यंत्र चल रहा है;
आज का मित्र कल का शत्रु है,
स्वार्थ में सब अतृप्त थे!

कड़वे 6: विश्वास का अंतिम सूत्र

इन छह बातों पर पूर्ण विश्वास रखना,
यही राजनीति का विशेष अनुशासन है;
हमारा मन जागृत हो,
शिक्षा ग्रहण करें, अन्यथा अज्ञानता है!

कड़वे 7: निष्कर्ष और प्रार्थना

चाणक्य ने यह ज्ञान दिया,
बुद्धि सदैव सचेतन रहे;
हे विट्ठल भगवान, हमें प्रदान करें,
हम जीवन की सीमाओं को सुरक्षित रखें!

🌸 इमोजी सारांश 🌸

अवधारणा प्रतीक:

चाणक्य/राजनीति 📜 👑
नदी/अस्थिरता 🌊 💨
हथियार/खतरा 🗡� 🚨
क्रूर पशु 🐅 🐂
स्त्री/भावना 👩�🦰 💖
राजनीति/षड्यंत्र 🏰 🐍
सावधानी/ज्ञान 🧠 💡

सभी शब्द और सभी इमोजी (क्षैतिज रूप से):

नदी का प्रवाह चंचल है, क्षणभंगुर है, उसका पानी विश्वसनीय नहीं है, उसके हथियार विश्वसनीय नहीं हैं, उसका क्रोध सीमा तक सीमित नहीं है, न ही जानवरों की प्रवृत्ति हिंसक होती है, उनका मूल स्वभाव विनाशकारी होता है, सींग वाले जानवर अचानक क्रोधित हो जाते हैं, उनके पास जाना खतरनाक है।
इन सभी में अस्थिर स्वभाव, क्षण भर में विकराल हो सकते हैं, सतर्कता ही यहाँ एकमात्र सुरक्षा नहीं, अंधविश्वास का विकल्प है।
स्त्री की भावनाओं का स्वरूप कोमल, कभी चंचल, कभी स्थिर होता है। उनकी भावुकता उलझी हुई नहीं होनी चाहिए, महत्वपूर्ण बातों का भंडार होना चाहिए।
राजपरिवार सत्ता का केंद्र है, बड़ा चलता है। षडयंत्र। आज मित्र कल शत्रु। स्वार्थ में सब अतृप्त।
इन छह बातों पर पूरा भरोसा न करें, नीति का यह विशेष अनुशासन जागृत हो, मन से सीख लें, यहाँ अज्ञान नहीं।
चाणक्य द्वारा दिया गया यह ज्ञान सदैव बना रहे, बुद्धि सजग रहे, विट्ठल की बुद्धि हमें सुरक्षित रखे, जीवन की सीमाएँ।

📜 👑 🌊 💨 🗡� 🚨 🐅 🐂 👩�🦰 💖 🏰 🐍 🧠 💡 🙏

--अतुल परब
--दिनांक-13.11.2025-गुरुवार. 
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