संत सेना महाराज-🚩 गुरु भक्ति की महिमा: स्वामी निवृत्ति दातार 🚩🙏🕉️🔱🕊️💡💖👑

Started by Atul Kaviraje, November 18, 2025, 08:48:24 PM

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Atul Kaviraje

संत सेना महाराज-

     "शिवाचा अवतार। स्वामी निवृत्ती दातार।

     तया माझा नमस्कार। वारंवार निरंतरा ॥...

     सेना घाली लोटांगण। वंदी निवृत्तीचे चरण॥"

🚩 गुरु भक्ति की महिमा: स्वामी निवृत्ति दातार 🚩

(संत सेना महाराज के अभंग पर आधारित)

अभंग:

"शिव के अवतार। स्वामी निवृत्ति दातार।
यह मेरा प्रणाम है। बार-बार और निरंतर।
...
सेना ने साष्टांग प्रणाम किया। वंदी निवृत्ति के चरण भगवान शिव के चरण हैं।"

⭐ कविता का सारांश (संक्षिप्त अर्थ):

संत निवृत्ति नाथ शिव के साक्षात स्वरूप हैं और ज्ञान एवं मोक्ष के दाता हैं। संत सेना महाराज ऐसे गुरुओं को अनंत वंदन करते हैं और पूर्ण समर्पण भाव से उनके चरणों में नमन करते हैं।

📜 लंबी मराठी कविता 📜
1. गुरु रूप

स्वामी निवृत्ति, आप शिव के अवतार हैं,
आप ज्ञान के स्रोत हैं, वैराग्य के आधार हैं;
आप सच्चे दाता हैं, भक्ति का दान,
आपकी कृपा के बिना तृप्ति नहीं है।

2. अभंग नमस्कार

आपको मेरा बार-बार और निरंतर नमस्कार,
अखंड भक्ति का, यही झरना बहता है;
हर साँस के साथ, मुझे आपका स्मरण करना चाहिए,
आपके चरणों का चिंतन, निरंतर मेरे मन में।

3. गुरु की महानता

आप मेरे लिए पंढरी के विट्ठल हैं,
आप मेरे लिए ज्ञान का यह रहस्यमय स्थान हैं;
आपकी वाणी ही वास्तविक वेद है,
गुरु भक्ति में, मैंने यह बोध खो दिया है।

4. विनम्रता और समर्पण

क्षण भर में शरीर की सुध-बुध भूलकर,
आपके सामने खड़ी सेना, आपके चरणों में नतमस्तक;
मैंने अपना सारा अहंकार आपके चरणों में रख दिया,
मैं भी भूल गया, और गुरु के चरणों में समर्पित हो गया।

5. चरणों में नमस्कार

मैं उन पावन चरणों को नमन करता हूँ,
जिन्हें एक जोड़ी मिल गई है, ये ज्ञान के कण;
चरण मेरे जीवन का आधार हैं,
आपकी कृपा से मेरा उद्धार हुआ है।

6. उदारता की महानता

हे प्रभु, दाता, आपकी कृपा अद्वितीय है,
आत्मज्ञान प्रदान कर, अप्राप्त ऋणों का भार उतार दिया;
आपकी कृपा से, मैं जीवन का सच्चा सार जानता हूँ,
संसार में आपके समान कोई भी दयालु नहीं है।

7. निष्ठा

यही गुरु के प्रति मेरी अटूट निष्ठा है,
सेना महाराज, मैं आपको यह सत्य बताता हूँ;
जो कुछ भी मुझे प्राप्त होता है, मैं जानता हूँ कि वह गुरुप्रसाद है,
आपकी कृपा के बिना, मेरी कोई अन्य इच्छा नहीं है।

🌷 पद का मराठी अर्थ (प्रत्येक पद मराठी अर्थ) 🌷

पद (कड़वे) | मराठी अर्थ

1. गुरुस्वरूप - स्वामी निवृत्तिनाथ शिव के स्वरूप हैं, जो ज्ञान और भक्ति के दाता हैं, उनकी कृपा के बिना शांति प्राप्त नहीं हो सकती।
2. अखंड नमस्कार - मैं उन्हें बार-बार, अर्थात् निरंतर प्रणाम करता हूँ; मुझे हर साँस के साथ उनका चिंतन करना चाहिए।
3. गुरुमाहात्म्य - गुरु मेरे लिए विट्ठल हैं; वे दिव्य सत्य और ज्ञान के अधिष्ठान हैं।
4. विनम्रता और समर्पण - अहंकार को त्यागकर, शरीर को भूलकर, सेना महाराज उनके चरणों में साष्टांग प्रणाम करते हैं।
5. चरणों में प्रणाम - जीवन का आधार उनके पवित्र चरणों में है; उन्हीं चरणों से मोक्ष की प्राप्ति होती है।
6. देने का महत्व - प्रभु आत्मज्ञान देकर जीवन के अंधकार को दूर करते हैं; यह अतुलनीय उपकार है।
7. निष्ठा - गुरु की कृपा से सब कुछ प्राप्त होता है; मेरी निष्ठा अटूट है और मेरी कोई अन्य इच्छा नहीं है।

🖼� भावनात्मक सारांश (इमोजी सारांश) 🖼�

🙏🕉�🔱🕊�💡💖👑👣🙇�♂️🌿

--अतुल परब
--दिनांक-18.11.2025-मंगळवार.     
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