रिश्तों का सही मूल्य 🙏 चाणक्‍य नीति - अध्याय 2, श्लोक 4-👨‍👩‍👦‍👦 💖 🤝 👑 ⚖

Started by Atul Kaviraje, November 19, 2025, 07:16:16 PM

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Atul Kaviraje

चाणक्य नीति द्वितीय अध्याय -

तन्मित्रंयत्रविश्वासःसा भार्या यत्र नितिः ।।४।।

🙏चाणक्य नीति: रिश्तों का सही मूल्य 🙏

चाणक्‍य नीति - अध्याय 2, श्लोक 4 (स पुत्रो यः पितृभक्तः स पिता यस्तु पाता यस्तु पाता पाता यतु पाताचः। तन्मत्तर्मर यत्र विश्वासः स भार्या यत्र नीतिः। तन्मर्म यत्र नीतिः।।)

📜कविता: रिश्तों की कसौटी 💖

1. बेटे की वफादारी और कर्तव्य 👨�👦

सच्चा पुत्र वही है जो अपने पिता का भक्त हो,
वह कभी भी अपने पिता की आज्ञा का उल्लंघन नहीं करता।
आदर और वफ़ा उसका श्रृंगार है,
ऐसा पुत्र ही कुल का संरक्षक बनता है।

(अर्थ: जो पुत्र (अर्थ: जो पिता अपने बच्चों का उचित पालन-पोषण करता है, वही सच्चा पिता है।)

3. मित्रता का आधार: विश्वास 🤝

मित्र वह होता है जो सच्चा हो, जिस पर विश्वास किया जाए,
जो दिल के राज़ खुलकर बता दे।
जो मुसीबत में भी साथ दे, स्वार्थ से न बंधा हो,
वही मित्र जीवन की राह दिखाता है।

(अर्थ: जिस पर हम आँखें बंद करके भरोसा कर सकें, वही सच्चा मित्र है।)

4. पत्नी: शांति और संतोष 🏡

पत्नी वह होती है जो सुख लाती है,
जिसकी संगति में मन शांत और एकाकार होता है।
घर में शांति, धर्म और नैतिकता का राज होता है,
वह पत्नी, जो जीवन को गति देती है।

(अर्थ: जो पत्नी अपने पति को मानसिक शांति और खुशी देती है, वही सच्ची पत्नी है।)

5. रिश्तों की असली परीक्षा ✨

रिश्ते खून के रिश्तों से जुड़े होते हैं,
लेकिन उनकी परीक्षा गुण और कर्मों से होती है।
ऐसे रिश्तों में जहाँ कर्तव्य, निष्ठा और प्रेम का वास होता है,
चाणक्य के सिद्धांत का दर्शन होता है।

(अर्थ: रिश्तों की असली पहचान कर्तव्य और गुणों से होती है।)

6. रिश्तों की सच्चाई और महत्व ⚖️

विश्वास न हो तो मित्रता अधूरी हो जाती है,
सम्मान न हो तो पुत्रत्व भी लुप्त हो जाता है।
पोषण न हो तो पितृत्व भी गौण हो जाता है,
सुख न हो तो संसार दुःखमय हो जाता है।

(अर्थ: यदि हर रिश्ते में आवश्यक गुण न हों, तो वह रिश्ता निरर्थक हो जाता है।)

7. निष्कर्ष: आदर्श जीवन की नींव 🌟

कहने का तात्पर्य यही है कि नीति की शिक्षा,
रिश्तों में समर्पण भी होना चाहिए और.
इन चार स्तंभों पर टिका सुखी जीवन,
चाणक्य की नीति का यह अमूल्य कथन।

(अर्थ: यह नीति कहती है कि सुखी जीवन इन चार गुणों पर टिका है।)

📝 प्रत्येक श्लोक का मराठी अर्थ (संक्षिप्त अर्थ) 📖

श्लोक 1: जो पुत्र अपने पिता की बात मानता है और निष्ठावान रहता है, वही सच्चा पुत्र है।

श्लोक 2: जो पिता न केवल शारीरिक रूप से, बल्कि अपने बच्चों का सही मूल्यों के साथ पालन-पोषण भी करता है, वही सच्चा पिता है।

श्लोक 3: जिस मित्र पर हम पूरा भरोसा कर सकें, वही सच्चा मित्र है।

श्लोक 4: जो पत्नी अपने पति को मानसिक शांति, संतुष्टि और नैतिक सुख प्रदान करती है, वही सच्ची पत्नी है।

श्लोक 5: रिश्ते खून से नहीं, बल्कि निष्ठा और गुणों से परिभाषित होते हैं।

श्लोक 6: रिश्तों की गुणवत्ता उन्हें सार्थक बनाती है।

श्लोक 7: इन चार मूल्यों पर आधारित रिश्ते मानव जीवन को पूर्णता प्रदान करते हैं।

🌟 इमोजी सारांश (इमोजी सारांश) 🌟
👨�👩�👦�👦 💖 🤝 👑 ⚖️ 🏡 ✨ 📜 🙏

--अतुल परब
--दिनांक-19.11.2025-बुधवार.         
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