संत सेना महाराज-“सेना न्हावी भक्त भला। तेगे देव भुलविले-💖 'न्हावी और विट्ठल'-🙏

Started by Atul Kaviraje, November 20, 2025, 09:52:19 PM

Previous topic - Next topic

Atul Kaviraje

संत सेना महाराज-

     "सेना न्हावी भक्त भला। तेगे देव भुलविले॥ १ ॥

     नित्य जपे नामवली। लावी विठ्ठलाची टाळी ॥ २॥

     रूप पालटोति गेली। सेना न्हावी विठ्ठल झाला॥ ३॥

     काखे घेऊनि धोकटी। गेला राजियाचे भेटी ॥ ४ ॥

🙏🪕✂️👑💖

🎯 संत सेना महाराज के अभंग पर आधारित एक लंबी मराठी कविता

(भक्ति से भरपूर, सुंदर, अर्थपूर्ण, सरल, सादा, सीधा, सहज, रसीला, तुकबंदी के साथ)

📜 ओरिजिनल अभंग

**1. "सेना न्हवी भक्त अच्छे हैं। उसने भगवान को धोखा दिया। ॥

2. वह लगातार भगवान का नाम जपता था। उसने विट्ठल की ताली बजाई। ॥

3. उसने अपना रूप बदला। सेना न्हवी विट्ठल बन गया। ॥

4. उसने धोकती को अपनी बांह के नीचे दबा लिया। वह राजा से मिलने गया। ॥"**

छोटा अर्थ:

सेना न्हवी की भक्ति ने भगवान को मोहित कर लिया। वह रोज़ भगवान का नाम जपता और कीर्तन करता था। उस पर आए संकट में, विट्ठल ने सेन महाराज का रूप धारण किया और उनकी सेवा की और हजामत बनाने के औजार लेकर राजा से मिलने गए।
भगवान ने खुद भक्त की सेवा की।

💖 'न्हावी और विट्ठल' - भक्ति कविता

1. (पहली कड़वी) - भक्त की महानता 🌟

सेना का नाम, एक अच्छा भक्त,
वह पेशे से नाई था।
(सेना एक नाई था, एक महान भक्त।)
लेकिन उसकी भक्ति, महिमा थी, भगवान विठुरया, एक योद्धा बन गए, अपने आप।

2. (दूसरी कड़वी) - रोज़ पूजा 📿

हाथ में उस्तरा, होठों पर नाम,
रोज़ विट्ठल के सुंदर काम का जाप।
(वह लगातार विट्ठल का नाम जपता था।)
ताली बजाओ, कीर्तन गाओ, शरीर की सेवा, भगवान से जुड़ गई।

3. (तीसरा कड़वा) - भक्ति की पुकार 🔔

राजा का बुलावा, समय की भीड़,
भक्ति में रम गए, सेवा में कुछ नहीं जाना।

(क्योंकि वह समय पर राजा की सेवा में नहीं आया।)
भक्त की लाज, भगवान ने धन धरा, विट्ठल भागे, सेना पल भर में बन गई।

4. (चौथा कड़वा) - भगवान का वेश 🎭

रूप बदला, बड़ी लीला,
सेना का नाई हुआ, कमलापुर खड़ा हुआ।

(विट्ठल ने सेना महाराज का रूप धरा।)

विट्ठल खुद सेना के नाई बने, भक्त की सेवा की, भाग गए।

5. (पांचवां कड़वा) - औजार और सेवा ✂️

उसने अपनी बाजू में सारे औजार ले लिए,
जिसमें उस्तरा, कैंची और ऐसी ही तैयारी थी। (देवताओं ने हजामत बनाने के औजार लिए।)
सेवा के हथियार हाथ में लेकर, वह महल में गया, अपना वादा पूरा करते हुए।

6. (छठा कड़वा) - फल की प्राप्ति 👑

राजा की सेवा करके, विट्ठल ने की,
भक्ति का महत्व, दुनिया ने जाना।

(देवताओं ने खुद राजा की सेवा की।)
उसने हजामत बनाई, ऐसा अनमोल तोहफ़ा, राजा को दिया, बड़ी खुशी हुई।

7. (सातवां कड़वा) - मैसेज और निष्कर्ष 💫

कर्म योग सबसे कीमती मैसेज है,
काम करो, भगवान सारे दुख दूर करेंगे।

(निस्वार्थ कर्म करना ही मैसेज है।)
भक्त की सेवा करके, नारायण ने ऐसा किया, ऐसी महिमा है, संतों की सेना कहलाती है।

इमोजी समरी: 🙏🪕✂️👑💖🎭🌟🔔🔄
🙏🪕✂👑💖

--अतुल परब
--दिनांक-20.11.2025-गुरुवार.
===========================================