कबीर दास जी के दोहे-💖 'दुर्लभ देह'-🙏🧘👤🌳🍃💎⏳🍂✨🧭💖 🙏🧘👤🌳🍃

Started by Atul Kaviraje, November 20, 2025, 10:10:29 PM

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Atul Kaviraje

कबीर दास जी के दोहे-

दुर्लभ मानुष जन्म है, देह न बारम्बार।
तरुवर ज्यों पत्ती झड़े, बहुरि न लागे डार॥ २२ ॥

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🎯 कबीर दास जी के दोहे पर आधारित एक लंबी मराठी कविता

(भक्ति से भरपूर, सुंदर, अर्थपूर्ण, सरल, सादा, सीधा, सहज, रसीला, तुकबंदी के साथ)

📜 ओरिजिनल दोहा
दुर्लभ मानुष जनम है, देह न बरन। तरुवर ज्यो पत्ती झड़े, बहुरि न लगे डार। ॥ 22 ॥

अर्थ का सारांश (शॉर्ट मीनिंग): मनुष्य जन्म बहुत दुर्लभ है, यह शरीर फिर नहीं मिलता। जैसे पेड़ से पत्ता टूटकर गिर जाता है, फिर डाल से नहीं जुड़ता। इसलिए इस जीवन का सदुपयोग करो।

💖 'दुर्लभ देह' - भक्ति कविता

1. (पहला कड़वा) - दुर्लभ जन्म 💎

दुर्लभ है यह जन्म, मनुष्य का शरीर,
बड़े भाग्य से मिला है, इसमें संदेह मत करो।
(इंसान के रूप में जन्म लेना एक दुर्लभ सौभाग्य है।)
कितनी योनियों के बाद, ये हवाएँ आई हैं, मोह-माया त्याग कर, इसे सही करो।

2. (दूसरा कड़वा) - कोई फ्रीक्वेंसी नहीं ⏳

यह शरीर बार-बार न मिले,

जीवन क्षणभंगुर है, चंचल बुद्धि है।

(यह शरीर बार-बार नहीं मिलता।)
समय का यह चक्र, तेज़ी से चलते हुए, जागरूकता के साथ, त्याग के साथ जीना चाहिए।

3. (तीसरा कड़वा) - एक पत्ते की उपमा 🍃

पेड़ पर गिरते पत्ते को देखो,
जैसे-जैसे समय बीतता है, वह दूर गिर जाता है।

जैसे पेड़ से गिरा हुआ पत्ता।)
प्रकृति का नियम, सबके लिए एक जैसा है, शरीर की गति भी बहुत बड़ी है।

4. (चौथा कड़वा) - आसक्त न होना 🍂

गिरा हुआ पत्ता, दोबारा नहीं जुड़ सकता,
डाली से वह बंधन, कभी नहीं मिलता। (गिरा हुआ पत्ता फिर डाली से नहीं जुड़ता।)
इसी तरह, यह शरीर भी एक बार चला गया तो वापस आएगा, है ना इसका वादा।

5. (पांचवीं कड़वी) - काम करने का मौका ✨

इंसान के जन्म का यही असली मतलब है,
अच्छे काम करो, इस चक्कर को तोड़ो।

(इसी जन्म में अच्छे काम करने का मौका है।)
भगवान की भक्ति का पेड़ लगाओ, उसे बिना स्वार्थ के काम करके बढ़ाओ।

6. (छठी कड़वी) - क्षणभंगुरता 🧘

धोखा मत खाओ, मतलबी मत बनो,
ज़िंदगी पल भर की है, मतलब पता नहीं।
(ज़िंदगी पल भर की है।)
कबीर कहते हैं, ज्ञान के दीवाने बनो, आज मुक्ति की मिठास ले लो।

7. (सातवीं कड़वी) - आखिरी सलाह 🙏

आज का यह काम कल पर मत टालो,
सद्गुरु के रास्ते पर चलना सीखो। (आज बिना समय बर्बाद किए भक्ति करें।)
इस दुर्लभ शरीर का सम्मान करें, राम का नाम जपें, समृद्धि होगी।

इमोजी सारांश (इमोजी सारांश): 🙏🧘👤🌳🍃💎⏳🍂✨🧭💖
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--अतुल परब
--दिनांक-20.11.2025-गुरुवार.         
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