💖 'दत्त की कृपा का बदलाव' – भक्तों की ज़िंदगी में आया बदलाव-🙏🕉️ त्रिमूर्ति 📿

Started by Atul Kaviraje, November 20, 2025, 10:12:49 PM

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Atul Kaviraje

श्री गुरु देव दत्त और उनके भक्तों के जीवन में परिवर्तन-
(श्री गुरु देव दत्त के भक्तों के जीवन में परिवर्तन)
(The Transformation in the Lives of Devotees of Shri Guru Dev Datta)
Changes in the lives of Shri Guru Dev Dutt and his devotees-

श्री गुरुदेव दत्ता के भक्तों की ज़िंदगी में आए अच्छे बदलाव को बताने वाली एक  कविता

🙏🕉� त्रिमूर्ति दत्ता दिगंबर 📿🎯

श्री गुरु देव दत्ता और उनके भक्तों की ज़िंदगी में आया बदलाव-

(भक्ति से भरा, सुंदर, मतलब वाला, सरल, सादा, सीधा, सहज, रसीला, तुकबंदी वाला)

💖 'दत्त की कृपा का बदलाव' – भक्तों की ज़िंदगी में आया बदलाव

श्लोक 1

मराठी कविता:
गुरुदेव दत्ता तीनों गुणों का रूप हैं,
भक्तों का जीवन, बेबुनियाद था।
सद्गुरु की चमक, शांति, अमूप,
दत्त की कृपा मिले, खुशी का आधार।

मतलब:
श्री गुरुदेव दत्ता तीनों गुणों ब्रह्मा, विष्णु, महेश का रूप हैं।
भक्ति से पहले, भक्तों का जीवन बेबुनियाद (अस्थिर) था।
सद्गुरु की चमक से कई दुख शांत हो जाते हैं।
दत्त महाराज की कृपा से जीवन को खुशी का आधार मिला।

श्लोक 2

मराठी कविता:
अज्ञान का अंधेरा, मन भारी है,
दत्त का नाम लेकर, ज्ञान का दीपक जला है।
शक का संतुलन, रोज़ गया,
विवेक जागा है, अंधेरा बताया है।

मतलब:
पहले भक्तों के मन अज्ञान के अंधेरे से भरे हुए थे।
उनके मन हमेशा शक के विचारों से भरे रहते थे।
जैसे ही उन्होंने दत्त का नाम लिया, (ज्ञान का) दीपक जल गया।
विवेक जागा और अज्ञान दूर हो गया।

श्लोक 3

मराठी कविता:
भगवान और किस्मत एक-दूसरे को दोष दे रहे थे,
गुरुचरी पढ़कर, विश्वास बढ़ा।
दुख के पहाड़, लगातार उनका सामना कर रहे थे,
मुसीबतों का डर, भाग गया।

मतलब:
पहले, भक्त अपने भगवान और किस्मत को दोष देते थे।
उन्हें हमेशा दुख की बड़ी-बड़ी परेशानियाँ झेलनी पड़ती थीं।
गुरुचरी पढ़ने से (उनका) विश्वास बढ़ गया।
इसलिए, उनके मन से परेशानियों का डर भाग गया।

श्लोक 4

मराठी कविता:
गुस्से की आग, अहंकार की गंध,
दत्त के पैरों के नीचे आकर, मन शांत हो गया।
वह लालच में डूबा हुआ था, उसने विश्वास छोड़ दिया,
माया का वह भ्रम, नष्ट हो गया।

मतलब:
उसके मन में गुस्से की आग और घमंड (अहंकार) की गंध थी।
उसने (मन में) लालच के कारण भगवान पर विश्वास छोड़ दिया था।
जैसे ही उसने दत्त के पैरों पर सिर रखा, उसका मन शांत हो गया।
माया (भौतिक दुनिया का) का वह भ्रम अब नष्ट हो गया है।

श्लोक 5

मराठी कविता:
पहले, परिवार में बहुत कलह थी,
दत्तगुरु की कृपा से, प्यार बढ़ गया। वे एक-दूसरे के साथ मुश्किलें और बोझ बांटते थे,
घर में दोस्ती और शांति का राज था।

मतलब:
भक्ति से पहले, परिवार में बहुत झगड़ा (झगड़ा) होता था।
परिवार के लोग एक-दूसरे के लिए बोझ और मुश्किलें महसूस करते थे।
दत्तगुरु की कृपा से, परिवार में प्यार बढ़ा।
घर में हर जगह दोस्ती और शांति बढ़ने लगी।

श्लोक 6

मराठी कविता:
आठ तरह से भक्ति, सच्ची भावना,
मानव सेवा ही भगवान की पूजा है।
जीवन एक सुंदर, मीठी हवा बन गया है,
दत्त गुरु का आदेश, मैंने मान लिया।

मतलब:
(आठ तरह से) पूरी भक्ति करने से, एक सच्ची भावना पैदा हुई।
अब उसका जीवन एक मीठी हवा की तरह सुंदर हो गया है।
वह समझ गया कि मानवता की सेवा करना ही भगवान की सच्ची पूजा है।
उसने दत्त गुरु के इस आदेश को दिल से मान लिया।

श्लोक 7

मराठी कविता:
जय जय अवधूत, दत्ता दिगंबर,
जीवन में बहुत बड़ा बदलाव आया है।
आपकी कृपा से, आपने मुझे बचाया है,
दत्ता का नाम शांति है, यह दुनिया में हो।

मतलब:
अवधूत (दत्तात्रेय) और दिगंबर (जिनके कपड़े एक जैसे हैं) दत्तात्रेय की जय हो।
आपकी कृपा से, कई भक्तों ने (इस दुनिया की) नदी पार की।
भक्तों के जीवन में बड़े अच्छे बदलाव आए।
दत्ता नाम के कारण, दुनिया में भी शांति स्थापित हुई है।

इमोजी समरी (इमोजी सारांश):

🙏🕉� त्रिमूर्ति 📿💖💡🕊�🏡✨👑🚩

--अतुल परब
--दिनांक-20.11.2025-गुरुवार.
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