🙏 अग्रहायण (मार्गशीर्ष) महीने की शुरुआत -🎊 🗓️ 🌾 🕉️ 📿 ✨ 🙏 🏡 🚩 ☀️🙏

Started by Atul Kaviraje, November 22, 2025, 07:58:00 PM

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Atul Kaviraje

भारतीय अग्रहIयण मIसIरंभ-

🙏 अग्रहायण (मार्गशीर्ष) महीने की शुरुआत - भक्ति भरी लंबी मराठी कविता 🙏 (शनिवार, 22 नवंबर 2025)

यह पवित्र अग्रहायण (मार्गशीर्ष) महीने के आने पर आधारित एक भक्ति से भरी, सुंदर, मतलब वाली और तुकबंदी वाली, चार लाइन की सात लाइन की कविता है।

1. पहली दोहा - आना

ये अग्रे अग्रे अग्रे अग्रे अग्रे,
सब नया जोश और भक्ति लेकर आया है।
मन के दरवाज़े खुले हैं, भक्ति का एहसास है,
श्री कृष्ण की पसंदीदा, मार्गशीर्ष खुशबू।

मतलब: यह अग्रहायण महीना (मार्गशीर्ष) आ गया है। यह अपने साथ नया जोश और मकसद लेकर आया है।
इस महीने में मन भक्ति से भर जाता है। यह महीना भगवान श्री कृष्ण को बहुत प्रिय है, इसलिए इसकी खुशबू चारों तरफ फैल जाती है।

2. दूसरा कड़वा - कृष्ण का महत्व

गीता में कहा गया है, "मासनं मार्गशीर्षोहम्,"
आपके नाम के स्मरण से भ्रम दूर हो जाते हैं।
उपवास, मल, पूजा और प्रार्थना, मेहनत दूर करते हैं,
हम प्रभु के चरणों में गिरें, यही भक्ति का क्रम है।

मतलब: भगवद गीता में श्री कृष्ण ने कहा है कि मैं महीनों में मार्ग का मुखिया हूँ।
आपके नाम के स्मरण से सभी भ्रम दूर हो जाते हैं। इस महीने में किए गए उपवास, मल, पूजा और प्रार्थना सभी परेशानियों को दूर करते हैं और प्रभु के चरणों में भक्ति का यह क्रम चलता रहता है।

3. तीसरा कड़वा - ठंडी हवा

वह सुबह की हवा, ठंड धीरे-धीरे चलती है,
दरवाजे पर रंगोली, वह सफेदी का नज़ारा।
तुलसी वृंदावन, नियमित रूप से पूजा करनी चाहिए,
दत्त जयंती की हवा, मन में भक्ति बनी रहे।

मतलब: सुबह की हवा हमें ठंड का एहसास कराती है। दरवाज़े पर सफ़ेद रंगोली बनाई जाती है। रोज़ तुलसी के वृंदावन की पूजा होती है।
दत्त जयंती के पास आने का एहसास होता है और मन में भक्ति बनी रहती है।

4. चौथा कड़वे - कुदरत की खूबसूरती

हरे-भरे खेत, फसल लहलहा उठी है,
किसान खुश है, मन खुश है।
कुदरत की खूबसूरती खूबसूरत है, यह खूबसूरत सुबह,
अन्नपूर्णा खुश हैं, उनका आशीर्वाद आप पर बना रहे।

मतलब: खेत हरे-भरे हो गए हैं और फसल अच्छी आ गई है।
किसान बहुत खुश है। इस खूबसूरत सुबह कुदरत की खूबसूरती बहुत अलग है।
अन्नपूर्णा देवी खुश हैं, उनका आशीर्वाद आप पर हमेशा बना रहे।

5. पाँचवाँ कड़वे - भक्ति का त्योहार

पवित्र नदियों में स्नान, पापों से मुक्ति की चाहत,
भगवान के दर्शन के लिए, मन प्यासा लगता है।
मंदिर में घंटियों की आवाज़ गूंजती है, परेशानियाँ दूर होती हैं,
हरिपथ, भजन-कीर्तन, भक्ति का आनंद।

मतलब: पवित्र नदियों में नहाने और पापों से छुटकारा पाने की इच्छा होती है।
मन में भगवान के दर्शन की लालसा होती है। मंदिर में बजने वाली घंटी की आवाज़ से सारे दुख दूर हो जाते हैं और हरिपाठ, भजन-कीर्तन से भक्ति का आनंद मिलता है।

6. छठा कड़वा - ज्ञान का प्रकाश

ज्ञान और विज्ञान का प्रकाश, दीपक रोशन हो,
सद्गुरु की कृपा से, डर दूर हो।
मन को शांति मिले, सच्चा धर्म मिले,
सत्य के मार्ग पर, प्रेम ही मार्ग है।

मतलब: ज्ञान और विज्ञान का प्रकाश तेज से भरा दीपक है।
सद्गुरु की कृपा से, मन के सारे डर दूर हो जाते हैं।
मन को शांति मिले और सच्चा धर्म मिले। हमेशा सत्य के मार्ग पर चलने की इच्छा पैदा हो।

7. सातवां कड़वा - शुभ कामना का अंत

अग्रहायण मासी, सबका कल्याण हो,
सुख-समृद्धि, उल्लास, घर का द्वार खुल जाए।
यह भक्ति हमेशा मन के पर्दे पर बनी रहे,
भगवान, आपकी कृपा से जीवन सफल हो गया।

अर्थ: इस अग्रहायण महीने में सबका कल्याण हो।
सभी के घर सुख, समृद्धि और उल्लास आए।
यह भक्ति हमेशा मन के पर्दे पर बनी रहे। भगवान, आपकी कृपा से यह जीवन सफल हो गया।

🎊 कविता सारांश (इमोजी) 🎊
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--अतुल परब
--दिनांक-22.11.2025-शनिवार.
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