🙏 गुरु भंडारा धारेश्वर, पाटन -🎊 ⛰️ 🙏 🕉️ 📿 ✨ 🌿 🚩 🏡 🌟

Started by Atul Kaviraje, November 22, 2025, 07:58:48 PM

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Atul Kaviraje

गुरू भंडारा धारेश्वर, तालुका-पाटण-

🙏 गुरु भंडारा धारेश्वर, पाटन - भक्ति से भरी लंबी मराठी कविता 🙏 (शनिवार, 22 नवंबर 2025)

यह एक भक्ति से भरी, सुंदर, मतलब वाली और तुकबंदी वाली, चार लाइन की सात लाइन की कविता है जो पाटन के पवित्र गुरु भंडारा धारेश्वर की जगह पर आधारित है।

1. पहली दोहे - जगह का विवरण

सह्याद्री पहाड़ों में, पाटन तालुका में,
इस जगह को पवित्र जगह, भंडारा-धारेश्वर के नाम से जाना जाता है।
यहां गुरु का निवास है, भक्तों के लिए,
मन को शांति मिले, जीवन का रास्ता दूर हो।

मतलब: सह्याद्री पहाड़ों में, पाटन तालुका में, इस पवित्र जगह को 'भंडारा-धारेश्वर' के नाम से जाना जाता है।
यहां गुरु का निवास है, जो भक्तों के लिए बहुत खुशी का मौका होता है।
यहां मन को शांति मिलती है और जीवन की मुश्किलों का रास्ता दूर होता है।

2. दूसरी कड़वी बात - गुरु का महत्व

गुरु के चरणों में मन लगा रहे, यही सच्ची साधना है,
उनके तेजस्वी मुख से सच्ची प्रेरणा मिलती है।
अज्ञान का अंधेरा, गुरु पल भर में दूर कर देते हैं,
ज्ञान और भक्ति की गंगा, पवित्र आंगन में बहती है।

मतलब: गुरु के चरणों में मन लगा रहे, यही सच्ची साधना है।
उनके तेजस्वी मुख से सच्ची प्रेरणा मिलती है।
गुरु अज्ञान का अंधेरा पल भर में दूर कर देते हैं।
इस पवित्र आंगन में ज्ञान और भक्ति की गंगा बहती है।

3. तीसरी कड़वी बात - भक्तों का जमावड़ा

भक्त दूर-दूर से आते हैं, गुरु के दर्शन करने,
दिल में विश्वास लेकर, सादा जीवन जीते हैं।
हर गांव में कीर्तन, भजन-नाम की गूंज,
भंडार में भक्ति, लगातार नई रचनाएं।

मतलब: भक्त दूर-दूर से गुरु के दर्शन करने आते हैं।
दिल में विश्वास लेकर सादा जीवन जीते हैं। हर गांव में कीर्तन, भजन और नामस्मरण होता है।
इस भंडारा स्थल पर भक्ति का एक नया ढांचा लगातार बन रहा है।

4. चौथा कड़ावे - कुदरती खूबसूरती

चारों ओर हरे-भरे जंगल की खूबसूरती, शांत, खूबसूरत माहौल,
मन को सुकून देता है।
पहाड़ को देखकर रूह को सुकून मिलता है,
कुदरत की मेहरबानी, गुरु का आशीर्वाद नहीं छोड़ना चाहिए।

मतलब: चारों ओर हरे-भरे जंगल की खूबसूरती।
शांत और खूबसूरत माहौल मन को खुशी देता है।
पहाड़ को देखकर रूह को छू जाता है।
कुदरत की मेहरबानी और गुरु का आशीर्वाद कभी कम न हो।

5. पांचवां कड़ावे - आस्था का प्रतीक

यहां पत्थर में भी भगवान हैं, मूर्ति में भी रूह,
कण-कण में गुरु का असर दिखता है।
भक्त जो आस्था रखते हैं, इसे देखें,
उन्हें मुसीबत से मुक्ति मिले, गुरु का अनोखा नाम।

मतलब: यहां पत्थरों में भी दिव्यता है और मूर्तियों में भी भक्ति।
कण-कण में गुरु का असर दिखता है।
भक्तों ने यहां आस्था के साथ इसका अनुभव किया है।
गुरु के अद्भुत नाम से ही मुसीबतों से मुक्ति मिलती है।

6. छठी कड़वी बात - सेवा का महत्व

जो लोग तन, मन और धन से सेवा करते हैं,
गुरु की कृपा से उनके सारे दुख दूर हो जाते हैं।
निस्वार्थ भाव से वे चरणों में लीन हो जाते हैं,
परमात्मा को चाहने वाला मोक्ष को प्राप्त करता है।

मतलब: जो लोग तन, मन और धन से सेवा करते हैं, गुरु की कृपा से उनके सारे दुख दूर हो जाते हैं।
वे निस्वार्थ भाव से गुरु के चरणों में लीन हो जाते हैं और परमात्मा को पाकर मोक्ष को प्राप्त करते हैं।

7. सातवीं कड़वी बात - शुभ इच्छा का अंत

गुरु भंडारा धारेश्वर, आपकी महानता महान है,
आपकी कृपा दृष्टि हमेशा भक्तों पर बनी रहे।
जीवन सफल हो, गुरु को रोज याद करें,
यह प्रार्थना आज, इसी पल पूरी हो।

अर्थ: हे गुरु भंडारा धारेश्वर, आपकी महानता बहुत महान है।
भक्तों पर आपकी कृपा हमेशा बनी रहे।
गुरु को नियमित रूप से याद करने से आपका जीवन सफल हो।
आज मेरी यही प्रार्थना है, कि ये पल पूरे हों।

🎊 कविता सारांश (इमोजी) 🎊
⛰️ 🙏 🕉� 📿 ✨ 🌿 🚩 🏡 🌟

--अतुल परब
--दिनांक-22.11.2025-शनिवार.
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