श्री एकनाथ महाराज-🚩 भक्ति भाव: धोक्ति की स्वीकृति 🚩🕯️ 📿 🌌 💖 📦 🤝 🙏 🚩

Started by Atul Kaviraje, November 23, 2025, 04:41:19 PM

Previous topic - Next topic

Atul Kaviraje

       श्री एकनाथ महाराज-

     "सेना नानक पूजा करिता।

     देवने धोकटी लिया देखा॥"

🚩 भक्ति भाव: धोक्ति की स्वीकृति 🚩

(संत श्री एकनाथ महाराज के अभंग पर आधारित एक लंबी मराठी कविता)

अभंग: "सेना नानक पूजा करती है। भगवान ने धोक्ति देखी है ॥"

श्लोक का सारांश (अभंग का छोटा अर्थ)

जब संत सेना महाराज और संत नानक देव ने अपने-अपने तरीके से भक्ति (पूजा) की, तो भगवान ने उनके प्रेम की 'धोक्ति' (समर्पण) स्वीकार कर ली, संत एकनाथ ने यह देखा।

लंबी मराठी कविता

कड़वा 1: दो संत, एक भाव

सेना-नानक, दोनों महान,
उनकी पूजा अनोखी थी,
लेकिन प्रेम की लौ एक तड़प थी। (🕯�)

अर्थ (पदचा मराठी अर्थ): संत सेना महाराज और संत नानक देव दोनों महान संत थे। वे अपने मन में भगवान का चिंतन करते थे। भले ही उनकी पूजा के तरीके अलग-अलग थे, लेकिन उनके भक्ति प्रेम की लौ एक जैसी ही तड़पती थी।

कड़ावे 2: सेन की सगुण भक्ति

सेना नाई का काम करता था,
उसके मुंह पर विठोबा का नाम था;
सगुण मूर्ति के वे भक्त,
उनमें ऐसा खून था प्यार। (📿)

पदचा मराठी अर्थ: संत सेन महाराज नाई (बाल काटने वाले) का काम करते हुए भी, उनके मुंह से हमेशा विठोबा का नाम निकलता था। वे एक ऐसे भक्त थे जो सगुण रूप में भगवान की पूजा करते थे और उनका प्रेम जुनून और लालसा से भरा था।

कड़ावे 3: नानक का निर्गुण चिंतन

नानक गाई निर्गुण वाणी,
नासे रूप, नासे ठनी;
नाम-सिमरन उनका साधन था,
उन्होंने भगवान को खुद को दिखाया। (🌌)

पदचा मराठी अर्थ: संत नानक देव निर्गुण (निराकार) ब्रह्म की वाणी गाते थे। उनकी पूजा में भगवान का कोई खास रूप या स्थान नहीं था। नाम जप ही उनकी भक्ति का साधन था और उन्होंने खुद को पूरी तरह से भगवान को समर्पित कर दिया था।

कड़वे 4: भेद का बंधन टूट गया

कुछ शुद्ध भावना से पूजा करते हैं,
कुछ निराकार मन से ध्यान करते हैं;
भगवान सिर्फ अंदर का देखते हैं,
वे बाहरी कर्मकांडों में नहीं उलझते। (💖)

मतलब (पदचा मराठी अर्थ): कुछ भक्त शुद्ध भावना से पूजा करते हैं, जबकि दूसरे निराकार रूप का चिंतन करते हैं। लेकिन भगवान सिर्फ भक्त के दिल में भावनाओं को देखते हैं और बाहरी कर्मकांडों में नहीं उलझते।

कड़वे 5: धोक्ति का असली मतलब

धोक्ति का मतलब है एक सादा चढ़ावा,
न हीरे, न सोना;
भक्त की आस्था का वह सार,
शुद्ध भावना से भरा सार। (📦)

मतलब (पदचा मराठी अर्थ): 'धोक्ति' का मतलब है भक्त द्वारा बहुत ही साधारण तरीके से चढ़ाई गई चीज़। इसमें हीरे, माणिक या सोने जैसी चमक नहीं होती। यह भक्त की आस्था और भरोसे का मूल है, जो शुद्ध भावना से भरा होता है।

कड़वे 6: भगवान के भक्त का न्याय

भगवान ने बड़ी कृपा की,
दोनों की यह पूजा स्वीकार की;
उन्होंने सेना के रूप में काम किया,
नानक की भावना को अंदर रखते हुए। (🤝)

मतलब (पदचा मराठी अर्थ): भगवान ने बड़ी कृपा की और सेना और नानक दोनों की पूजा स्वीकार की। सेना महाराज की भक्ति के लिए, भगवान ने उनका रूप लिया और काम किया और नानकदेव की शुद्ध भावना को अपने दिल में जगह दी।

कड़वे 7: एकनाथ की सीख

एकनाथ की बात की सच्चाई देखिए,
भगवान के लिए, भावनाएं दस हैं; सगुण-निर्गुण सब बराबर हैं,
अपने दिल में एक संतोष रखो। (🙏)

मतलब (पदचा मराठी अर्थ): संत एकनाथ महाराज कहते हैं कि इस सच को अच्छी तरह जान लो: भगवान के लिए, एक भक्त की शुद्ध भावना दस (सबसे ज़रूरी) होती है। भगवान के लिए सगुण और निर्गुण भक्ति के रास्ते बराबर हैं, इसलिए अपने दिल में सिर्फ़ एक संतोष रखो।

इमोजी समरी (इमोजी सारांश)
🕯� 📿 🌌 💖 📦 🤝 🙏 🚩

--अतुल परब
--दिनांक-23.11.2025-रविवार.         
===========================================