रवळनाथ पंचायतन वार्षिक उत्सव-बंIदI, जिल्हा-सिंधुदुर्ग- 🙏🚩🏞️🎶📅 🕉️✨💫🙏 🌴

Started by Atul Kaviraje, November 23, 2025, 07:45:58 PM

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Atul Kaviraje

रवळनाथ पंचायतन वार्षिक उत्सव-बंIदI, जिल्हा-सिंधुदुर्ग-

🙏 श्री रावलनाथ पंचायत सालाना उत्सव - भक्ति मराठी कविता 🙏

तारीख: 23 नवंबर 2025, रविवार जगह: बांदा, ज़िला सिंधुदुर्ग टॉपिक: श्री रावलनाथ पंचायत सालाना उत्सव फ़ॉर्मेट: 7 स्टैंज़ा, हर स्टैंज़ा 4 लाइन का, तुकबंदी वाली, आसान और मतलब वाली कविता।

1. पहला स्टैंज़ा

बांदा शहर सिंधुदुर्गी, आज बहुत खुशी है,
श्री रावलनाथ की यात्रा, भक्ति की तैयारी।
23 नवंबर, शुभ रविवार आ गया है,
पंचायत देवताओं का सालाना उत्सव हो गया है। 🚩🏞�🎶📅

मतलब: सिंधुदुर्ग ज़िले के बांदा गांव में आज बहुत खुशी है, क्योंकि श्री रावलनाथ देव के सालाना उत्सव और यात्रा की भक्ति की तैयारी चल रही है। 23 नवंबर का यह शुभ रविवार पंचायत (पांच देवताओं का समूह) के देवताओं का सालाना उत्सव लेकर आया है।

2. दूसरी कड़वी

रावलनाथ मुख्य देवता हैं, दिव्य शक्ति के साथ,
पंचायत की मूर्तियों से लगातार भक्ति होती है।
भवानी, वेताल, लक्ष्मी, और एक और,
पांच देवताओं की कृपा से, लाभ होता है। 🕉�✨💫🙏

मतलब: श्री रावलनाथ मुख्य देवता हैं और उनके साथ दिव्य शक्तियाँ हैं। पंचायत की मूर्तियों (पांच देवताओं) की यहाँ लगातार पूजा होती है। भवानी, वेताल, लक्ष्मी और अन्य देवताओं की कृपा भक्तों को एक ही जगह मिलती है।

3. तीसरी कड़वी

कोंकण में यह परंपरा, पुरानी और महान,
गाँववालों का उत्साह, दर्शन का सम्मान।
होम-हवन, मंत्र-पाठ, भजनों का जयकारा,
भक्ति के माहौल में, कोई दोष नहीं होता। 🌴🐚🥁🔥

मतलब: कोंकण में यह परंपरा बहुत पुरानी और महान है। गांव वालों का उत्साह देखते ही बनता है, और सभी को दर्शन का सौभाग्य मिलता है। होम-हवन, मंत्रों के जाप और भजनों की धुन के ऐसे भक्तिमय माहौल में कोई दोष नहीं लगता।

4. चौथा कड़वा

गांव के ग्राम देवता, दासी की शान,
रावलनाथ की कृपा से सम्मान मिलता है।
सभी भक्त आते हैं, दूर-दूर से,
भगवान के दर्शन से दुख भाग जाते हैं। 👨�👩�👧�👦🚶�♀️🌼💖

अर्थ: श्री रावलनाथ बांदा गांव के ग्राम देवता हैं और वे इस गांव की शान हैं। उनकी कृपा से सभी का सम्मान होता है। भक्त दूर-दूर से दर्शन के लिए आते हैं और भगवान के दर्शन से उनके सभी दुख दूर हो जाते हैं।

5. पांचवां कड़वे

देवी-देवताओं की पूजा होती है, धार्मिक रस्में होती हैं,
प्रसाद का भोज होता है, हर चीज़ का आनंद लिया जाता है।
सामूहिक भोजन परोसा जाता है, एकता का प्रतीक,
खुशी से भरे, वे सभी पल अच्छे होते हैं। 🍚🍎🤝😊

मतलब: देवी-देवताओं की पूजा होती है और धार्मिक रस्में होती हैं। प्रसाद बांटा जाता है। सामूहिक भोजन एकता का प्रतीक है। त्योहार के वे सभी पल खुशी से भरे होते हैं।

6. छठे कड़वे

मन्नतें मांगी जाती हैं, इच्छाएं पूरी होती हैं,
गांव वालों की रावल नाथ के प्रति अटूट निष्ठा है।
कोंकण की संस्कृति, इस त्योहार में दिखती है,
शांत और सुंदर, मेरा मन मुस्कुराता है। 🌟🌿💫😍

मतलब: भक्त मन्नतें मांगते हैं और उनकी इच्छाएं पूरी होती हैं। गांव वालों की रावल नाथ में गहरी आस्था है। इस फेस्टिवल में कोंकण की खूबसूरत संस्कृति दिखती है, जिसे देखकर मेरा मन शांत और खुश हो जाता है।

7. सातवें कड़वे

रावल नाथ का यह रूप, बहुत उज्ज्वल,
उनका आशीर्वाद उन पर बना रहे, भगवान उन्हें नई ताकत दें।
फेस्टिवल सालाना है, अगले साल फिर मिलेंगे,
सबको खुशी और शांति मिले, भगवान के दर्शन। 🚩✨🏡🥳

मतलब: रावल नाथ का यह रूप बहुत उज्ज्वल है। उनके आशीर्वाद से हमें नई ताकत मिलती है। यह सालाना फेस्टिवल है; अगले साल फिर मिलेंगे। भगवान के दर्शन से सब खुश और शांत रहें।

इमोजी समरी
🚩🏞�🎶📅 🕉�✨💫🙏 🌴🐚🥁🔥 👨�👩�👧�👦🚶�♀️🌼💖 🍚🍎🤝😊 🌟🌿💫😍 🚩✨🏡🥳

ये सभी इमोजी मंदिर, प्रकृति, संगीत, त्योहार, दिव्यता, भक्ति, कोंकण, विश्वास, प्रसाद, एकता और आशीर्वाद का प्रतीक हैं

--अतुल परब
--दिनांक-23.11.2025-रविवार.
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