🌟 अनासक्ति का दीपक: कर्म योग (श्लोक 18) 🌟🌈 🌟🧘‍♀️✨💖 ⚖️🔗🕊️💫 ❌🍎🌬️👤 🌍🤝

Started by Atul Kaviraje, November 24, 2025, 05:02:07 PM

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Atul Kaviraje

तीसरा अध्यायः कर्मयोग-श्रीमद्भगवदगीता-

नैव तस्य कृतेनार्थो नाकृतेनेह कश्चन।
न चास्य सर्वभूतेषु कश्चिदर्थव्यपाश्रयः।।18।।

इम्यूनिटी का दीया: कर्म योग (श्लोक 18)

श्लोक का छोटा मतलब 📜

एक सेल्फ-अवेयर इंसान को कर्म करने या न करने से कोई पर्सनल फायदा या नुकसान महसूस नहीं होता। साथ ही, उसे अपने मतलब के लिए किसी जीव पर डिपेंड नहीं रहना पड़ता, क्योंकि वह खुद से पूरी तरह खुश रहता है।

लंबी मराठी कविता ✍️

1. खुद की चाहत

खुद की चाहत,
जिसकी संतुष्टि खुद में है;
बाहरी सुखों की ज़रूरत,
इस जन्म में खत्म हो गई है।
(मतलब: जो इंसान खुद में लीन है,
वह इस जन्म में खत्म हो गया है।) 🌟🧘�♀️✨💖

2. कर्म का बंधन

कर्म हो या न हो,
कोई मकसद नहीं होता;
नफा-नुकसान का बंधन टूट जाता है,
कोई बंधन नहीं। (मतलब: कर्म हो या न हो, उसे कोई फ़ायदा या नुकसान नहीं होता; वह कर्म के बंधन से आज़ाद है।) ⚖️🔗🕊�💫

3. फल की कोई चाहत नहीं

उसे फल की कोई चाहत नहीं,
स्वार्थ पूरी तरह चला गया;
दुनिया से कोई उम्मीद नहीं,
हवा आज़ाद हो गई है।
(मतलब: उसे अपने कर्मों के फल से कोई लगाव नहीं, उसका स्वार्थ पूरी तरह चला गया।) ❌🍎🌬�👤

4. जीवों पर कोई बोझ नहीं

उसे किसी भी जीव पर कोई बोझ नहीं,
ज़रा सा भी बोझ नहीं;
उसे किसी भी तरह के सहारे की ज़रूरत नहीं,
वह बेबुनियाद हो गया है। (मतलब: उसे अपनी ज़रूरतों के लिए किसी जीव पर निर्भर नहीं रहना पड़ता, वह पूरी तरह से आत्मनिर्भर हो गया है।) 🌍🤝🙅�♂️⛰️

5. आत्मनिर्भर रवैया

उसका आत्मनिर्भर रवैया,
वह खुशी से भरा है;
वह सिर्फ़ दुनिया को देने वाला है,
और कुछ नहीं देता।
(मतलब: उसका रवैया आत्मनिर्भर है, वह खुशी से भरा है। वह सिर्फ़ दुनिया को देता है, उसे कुछ पाने की उम्मीद नहीं है।) ☀️🎁😊🙏

6. निर्मोही जीवन

उसका जीवन आसक्ति से मुक्त है,
उसकी नीति शुद्ध है;
वह बिना इच्छा के काम करता है,
उसकी कर्म की असली अवस्था। (मतलब: उसका जीवन आसक्ति से मुक्त है, उसकी नीति पवित्र है। बिना इच्छा के काम करना ही उसकी असली कर्म अवस्था है।) 💎💧🏞�🧘

7. कर्म योग का दीपक

कर्म योग का दीपक है,
जब ज्ञान प्रकट होता है;
वह बंधन से मुक्त हो जाता है,
जब वह दुनिया जीत लेता है!
(अर्थ: आत्म-ज्ञान प्राप्त करके, वह कर्म योग के प्रकाश से बंधनों से मुक्त हो जाता है और ऐसा लगता है जैसे उसने इस दुनिया को जीत लिया हो।) 💡👑🎉✨

कविता का सुंदर और संपर्क शीर्षक
🌟 अनासक्ति का दीपक: कर्म योग (श्लोक 18) 🌟

इमोजी सारांश (इमोजी सारांश) 🌈
🌟🧘�♀️✨💖 ⚖️🔗🕊�💫 ❌🍎🌬�👤 🌍🤝🙅�♂️⛰️ ☀️🎁😊🙏 💎💧🏞�🧘 💡👑🎉✨


--अतुल परब
--दिनांक-24.11.2025-सोमवार.     
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