🎓 अच्छे संस्कारों का खजाना (चाणक्य नीति) 🧠 (चाणक्य नीति - चैप्टर 2, श्लोक 10)

Started by Atul Kaviraje, November 25, 2025, 07:36:35 PM

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Atul Kaviraje

चाणक्य नीति द्वितीय अध्याय -

पुत्राश्च विविधः शीलनियोज्याः सततं बुधः।
नीतिज्ञाः शीलसम्पन्ना भवन्ति कुलपूजिताः ।।१०।।

🎓 अच्छे संस्कारों का खजाना (चाणक्य नीति) 🧠

(चाणक्य नीति - चैप्टर 2, श्लोक 10)

श्लोक: पुत्रश्च विद्याः शिलान्योजयाः सत्तं बुधः। नीतिजनः शिलसम्पन्ना भवन्ति कुलपूजिताः ।10।

छोटा मतलब: समझदार माता-पिता को हमेशा अपने बेटों (बच्चों) में अलग-अलग तरह के अच्छे नैतिक मूल्य डालने चाहिए; क्योंकि नैतिकता और अच्छे चरित्र वाले लोग ही अपने कुल का सम्मान बढ़ाते हैं।

लंबी मराठी कविता: अच्छे संस्कारों का खजाना

1. माता-पिता का धर्म

समझदार माता-पिता को हमेशा सुनना चाहिए,
उन्हें अपने बेटों को ऐसी शिक्षा देनी चाहिए, जो नैतिकता का सच हो;

मतलब: (सत्तं बुधः) समझदार (ज्ञानी) माता-पिता को हमेशा यह ध्यान रखना चाहिए, कि उन्हें अपने बच्चों को नैतिकता और सच्चाई की शिक्षा देनी चाहिए। सिर्फ़ धन-दौलत, चरित्र ही महान नहीं होना चाहिए, उनके जीवन में संस्कारों पर ज़ोर देना चाहिए।

मतलब: सिर्फ़ विरासत में धन-दौलत मिलने के बजाय, यह पक्का करने की कोशिश करनी चाहिए कि बच्चों का चरित्र अच्छा हो।

🧠📚👨�👩�👧�👦 धर्म 🌟

2. नैतिकता की प्लानिंग

उन्हें अलग-अलग नैतिकताएं सौंपी जानी चाहिए,
उन्हें सदाचार के रास्ते पर छोड़ा जाना चाहिए;

मतलब: (पुत्राश्च विविधाहित्राष्टनीयोज्याह) बच्चों को लगातार अलग-अलग अच्छी आदतों और गुणों के रास्ते पर ट्रेन किया जाना चाहिए।

नम्रता, ईमानदारी, उनकी ढाल हैं, उन्हें सच्चाई के रास्ते पर चलने के लिए ट्रेन किया जाना चाहिए।

मतलब: विनम्रता और ईमानदारी जैसे गुण उनके लिए सुरक्षा कवच होंगे। उन्हें सच्चाई के रास्ते पर चलने के लिए ट्रेन किया जाना चाहिए।

💖🛠�🌱 सदाचार ✨

3. शिक्षा की निरंतरता

सिखाना एक दिन का काम नहीं है,
लगातार चलना पूरी ज़िंदगी का वादा है;

मतलब: (लगातार) नैतिकता सिखाना एक दिन का काम नहीं है, बल्कि यह एक फ़र्ज़ है जिसे ज़िंदगी भर निभाना होता है।

हर काम से सीख का सार निकालकर उन्हें अच्छा बनाना, उन्हें अच्छा बनाना माता-पिता की ज़िम्मेदारी है।

मतलब: माता-पिता को अपने बच्चों को हर छोटे-बड़े काम के ज़रिए सही और गलत का ज्ञान देना चाहिए। उन्हें अच्छा इंसान बनाना माता-पिता की ज़िम्मेदारी है।

⏰🔄🛣� शिक्षा 🧭

4. नैतिकता का ज्ञान

जो लोग नैतिक और नैतिक रूप से परिपूर्ण हो गए हैं,
उनका जीवन तब सुगंधित और पूरा होता है;

मतलब: (नीतिज्ञ: कौशलपन्ना) जिन्होंने नैतिकता का ज्ञान हासिल कर लिया है और जो अच्छे चरित्र वाले हैं, उनका जीवन पूरा और सुगंधित होता है।
वे न्याय और अन्याय में अंतर जानते हैं, वे हमेशा सत्य और धर्म के मार्ग पर चलते हैं।

मतलब: ऐसे बच्चे सही और गलत में फर्क कर सकते हैं और वे हमेशा सत्य के मार्ग पर चलते हैं।

⚖️👑💎 ज्ञान 💡

5. कुल का सम्मान

ऐसे बेटे-बेटियां दुनिया में सम्मान के साथ रहते हैं,
उनकी वजह से वे मशहूर होते हैं, सभी लोग उन्हें याद करते हैं;

मतलब: (भवन्ति कुलपूजिताः) ऐसे बच्चे समाज में सम्मान से पेश आते हैं और लोग उनके काम की वजह से उनके कुल का नाम याद रखते हैं।

कुलपूजिता अपने गुणों की वजह से खास होते हैं, उनके चरित्र की ऊंचाई, हमारी सांसें बढ़ाती है।

मतलब: वे सिर्फ अपने धन-दौलत की वजह से ही नहीं, बल्कि अपने अच्छे गुणों की वजह से भी परिवार और समाज में सम्मानित होते हैं। उनके अच्छे चरित्र से कुल का सम्मान बढ़ता है।

🏆🏰💖 सम्मान 💯

6. फल की मिठास

अच्छे संस्कारों का मीठा फल यही है,
दुनिया हमेशा उनके काम की कहानी देखती है;

मतलब: अच्छे संस्कारों का फल बहुत मीठा होता है। पूरी दुनिया उनके महान कामों का गुणगान करती है।

अगर दौलत न भी हो, तो भी दुनिया में उनका नाम ऊंचा होगा, यही सच्ची विरासत है, जो कभी शर्मिंदा नहीं होगी।

मतलब: सिर्फ भौतिक दौलत से भी बढ़कर, उनका अच्छा चरित्र और शोहरत दुनिया में श्रेष्ठ है। यही सच्ची विरासत है।

🍎🥇💫 विरासत 🎁

7. निष्कर्ष

चाणक्य की बातें जीवन की नींव हैं,
संस्कारों के बीज बोओ, यही सच्चा उपकार है;

मतलब: चाणक्य के ये विचार जीवन की नींव हैं। बच्चों में अच्छे संस्कार डालो, यही उन पर किया गया सच्चा उपकार है।
नैतिकता और चरित्र वाले बच्चे महान बनेंगे, परिवार का सम्मान बढ़ाएंगे, कुलपूजन करेंगे।

अर्थ: नैतिकता और अच्छे चरित्र के ज्ञान वाले बच्चे बड़े होकर अपने परिवार का सम्मान बढ़ाते हैं।

🤝🏡❤️ भविष्य ✨

इमोजी सारांश
🧠📚👨�👩�👧�👦🌟💖🛠�🌱✨⏰🔄🛣�🧭⚖️👑💎💡🏆🏰💯🍎🥇💫🎁🤝🏡❤️🎓

--अतुल परब
--दिनांक-25.11.2025-मंगळवार.           
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