☀️ माया और छाया का रहस्य (संत कबीर) 🎭 (कबीर दासजी का दोहा - 27)✨🎭🌑🌙🔍💔🏃‍♀

Started by Atul Kaviraje, November 25, 2025, 07:39:49 PM

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Atul Kaviraje

कबीर दास जी के दोहे-

माया छाया एक सी, बिरला जाने कोय।
भगता के पीछे लगे, सम्मुख भागे सोय॥ २७ ॥

☀️ माया और छाया का रहस्य (संत कबीर) 🎭

(कबीर दासजी का दोहा - 27)

दोहा: माया एक छाया है, कम लोग जानते हैं। भक्त के पीछे, सुख के सामने। 27॥

छोटा मतलब: माया और छाया एक ही तरह की हैं, यह बहुत कम लोग जानते हैं। जो माया के पीछे भागता है, उसके सामने जाता है, वह उसे दूर भगा देती है; लेकिन जो भक्ति के रास्ते पर चलता है, वह दासी की तरह उसके पीछे चलती है।

लंबी मराठी कविता: माया और छाया का रहस्य
1. माया का उपम

संत कबीर दासजी, यह दोहा खास है,
माया और छाया में से, एक ही भ्रम है;

मतलब: (माया एक छाया है, एक है) संत कबीर कहते हैं कि माया (दुनिया का भ्रम) और छाया (परछाई) एक ही तरह की हैं।
दोनों में से कोई भी सच नहीं है, बस अंधेरे का खेल है, असली चीज़ के भ्रम में, उनका दुनियावी मिलन।
मतलब: माया और परछाई दोनों ही झूठे हैं; लेकिन चीज़ों के लालच में लोग उन्हें सच मान लेते हैं।

✨🎭🌑 भ्रम 🌙

2. राज़ जानने वाला विरला होता है

दुनिया में यह राज़ कोई विरला ही जानता है,
जिसका मन भ्रम में फंसा है, वही दुख पाएगा;

मतलब: (बिरला जाने कोय) माया के इस असली रूप को बहुत कम लोग जानते हैं। जिसका मन भ्रम में उलझा है, वही दुख का भागीदार बनता है।
सब माया के पीछे, धोखे वाले पलों के पीछे, सच को भूलकर, लगातार दुख उठाते हुए भागते हैं।

मतलब: सभी लोग माया के पल भर के सुखों के पीछे भागते हैं और सच को भूल जाते हैं, जिससे वे हमेशा दुखी रहते हैं।

🔍💔🏃�♀️ भ्रम 😰

3. परछाई का नियम

जैसे परछाई को पकड़ना मुमकिन नहीं है,
भागने वाले इंसान का मन नामुमकिन है;

मतलब: जैसे परछाई को पकड़ना (परछाई के सामने जाना) मुमकिन नहीं है, वैसे ही माया के पीछे भागने वाला इंसान उसे कभी पूरी तरह से नहीं पा सकता।

जैसे कोई परछाई की तरफ भागता है, वैसे ही वह दूर भाग जाती है, वैसे ही माया का भ्रम भी हर दिन नया जन्म लेता है।

मतलब: (सम्मुख भाग सोया) जो माया के पीछे जाता है, माया उससे दूर भागती है। जब आप एक इच्छा पूरी करते हैं, तो यह दूसरी इच्छा पैदा करती है।

🏃💨🚫 इच्छा 🚧

4. भक्ति का प्रकाश

लेकिन जो भक्ति के रास्ते पर, सत्य की ओर,
भगवान के नाम पर चलता है, उसका मन प्रसन्न होता है;

मतलब: जो आदमी भगवान की भक्ति के रास्ते पर चलता है और नाम के स्मरण में अपना मन लगाता है।
फिर सत्य का सूर्य, उसके पीछे चलता है, माया के सारे भ्रम, अपने आप उसके पीछे चले जाते हैं।

मतलब: जब वह सत्य (भगवान की ओर) की ओर मुड़ता है, तो माया के भ्रम और अंधेरा अपने आप उसके पीछे चले जाते हैं।

☀️💖🙏 सत्य ✨

5. माया भक्त की सेवा करती है

वही माया फिर दासी बनकर,
भक्त के पैरों में खड़ी रहती है, लगातार झुकती है;

मतलब: (भगता के पीछे लगे) वही माया भक्त की दासी बनकर उसके पीछे खड़ी रहती है। वह उसे बिना परेशान किए उसकी सेवा करती है।

पैसा, दौलत, सम्मान, सब कुछ उसका होगा, वह किसी चीज़ के पीछे नहीं भागता, पुण्य का फल मिलता है।

मतलब: भक्त खुद से किसी चीज़ के पीछे नहीं भागता, फिर भी उसे सारे भौतिक सुख और धन अपने आप मिल जाते हैं।

👑💰😇 दासी 🏵�

6. खास बातें

इसलिए कबीर कहते हैं, भक्ति मत छोड़ो,
इसकी ताकत से तुम्हें जीवन की असली मुक्ति मिलेगी;

मतलब: संत कबीर कहते हैं, भक्ति का रास्ता मत छोड़ो। क्योंकि भक्ति की ताकत से ही तुम्हें जीवन से मुक्ति मिलती है।
माया को मत देखो, तुम माया को देखो, सच तो भगवान का है, भक्ति में जियो।
मतलब: माया को सच मत समझो, बल्कि इसे सिर्फ़ एक पल का भ्रम समझो। भगवान की सच्चाई को जानो।

💡🔑🌟 मुक्ति 🔓

7. आखिरी मैसेज

बड़ी भक्ति से सब भगवान जैसे हो गए,
उन्होंने ही माया के खिलाफ अपनी ताकत बनाए रखी;

मतलब: जिन्होंने पक्की भक्ति की, वे भगवान जैसे हो गए और माया को जीत लिया।
नाम की ताकत से ही इस लालच को दूर भगाओ, और भक्ति की मिठास को जीवन में अपनाओ!
अर्थ: नाम की शक्ति से माया के मोह को दूर भगाओ और जीवन में भक्ति की मिठास का अनुभव करो।
🌺🎶😊 मिठास ❤️

इमोजी सारांश
✨🎭🌑🌙🔍💔🏃�♀️😰☀️💖🙏✨👑💰😇🏵�💡🔑🌟🔓🌺🎶😊❤️

--अतुल परब
--दिनांक-25.11.2025-मंगळवार.   
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