💛 मार्तंड भैरवोत्थापन: मल्हारचा जागर ⚔️🗓️ ✨ 💖 😈 😟 🔱 💥 ⚔️ 💪 📣 🎶 💛 🤩

Started by Atul Kaviraje, November 26, 2025, 07:57:31 PM

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Atul Kaviraje

मार्तंड भैरवोत्थापन-

बुधवार, 26 नवंबर, 2025 को चंपा षष्ठी (जिसे मार्तंड भैरवोत्थापन भी कहते हैं, क्योंकि इसी दिन खंडोबा (मल्हारी मार्तंड) ने राक्षसों को हराकर अवतार लिया था) इस टॉपिक पर आधारित है

💛 मार्तंड भैरवोत्थापन: मल्हारचा जागर ⚔️

(लंबी मराठी कविता)

कड़वे 1

मार्गशीर्ष षष्ठी, शुभ दिन आ गया है, 🗓�
मार्तंड भैरव का अवतार प्रकट हो गया है। ✨
देवताओं के कैवारी, खंडोबा का नाम,
जेजुरी के राजा, वो भक्ति का प्यार। 💖

मतलब:
मार्गशीर्ष महीने की छठी (षष्ठी) पवित्र तिथि आ गई है।
इस दिन मार्तंड भैरव ने अवतार लिया (प्रकट हुए)।
देवताओं की मदद करना खंडोबा का नियम है।
जेजुरी के राजा खंडोबा, जिन्हें उनके भक्त बहुत प्यार करते हैं।

इमोजी समरी: 🗓� ✨ 💖

कड़वे 2

मणि और मल्ल, राक्षस क्रूर थे, 😈
उनके अत्याचारों के कारण, देवता दूर थे। 😟
ब्रह्मांड की रक्षा के लिए, प्रतिज्ञा ली,
शिव ने स्वयं धारण किया, मार्तंड का रूप सत्य है। 🔱

मतलब:
मणि और मल्ल नाम के दो राक्षस बहुत क्रूर थे।
उनकी परेशानियों के कारण, देवता चिंतित हो गए।
भगवान ने ब्रह्मांड की रक्षा के लिए प्रतिज्ञा (नियम) ली।
भगवान शिव ने स्वयं मार्तंड भैरव का सत्य रूप धारण किया।

इमोजी समरी: 😈 😟 🔱

कड़वे 3

छह दिन का युद्ध जमकर लड़ा गया, 💥
दुष्टों का विनाश, चारों ओर हो गया। ⚔️
शक्ति का वह रूप, भाले लेकर दौड़ा,
मार्तंड भैरव ने राक्षसों का वध किया। 💪

मतलब:
मल्हारी मार्तंड ने छह दिनों तक राक्षसों के साथ महायुद्ध किया।
उन्होंने चारों दिशाओं से सभी दुष्टों का वध किया।
शक्ति का वह रूप भाला लेकर दौड़ा।
मार्तंड भैरव ने उन राक्षसों का वध किया।

इमोजी समरी: 💥 ⚔️ 💪

कड़वे 4

मल्हारी मार्तंड, खंडोबा का नाम, 📣
येलकोट, येलकोट, भक्तों का काम। 🎶
भंडारा छलक गया, सारा आसमान पीला है, 💛
जो लोग साकेड़े लगाते हैं, उनके गले छूट जाते हैं। 🤩

मतलब:
मल्हारी मार्तंड खंडोबा का नाम है।
भक्त 'येलकोट, येलकोट' का जाप करते हैं और उनका नाम याद करते हैं।
भंडारा (हल्दी पाउडर) गिराने से पूरा आसमान पीला हो जाता है।
जो लोग भगवान से प्रार्थना करते हैं (साकड़े लगाते हैं), उनके दुख दूर हो जाते हैं।
इमोजी समरी: 📣 🎶 💛 🤩

कड़वे 5

शुरुआत का समारोह, भक्ति का यह जागरण, 🚩
भैरव की कृपा से दुख का सागर पार हो जाता है। 🌊
अच्छे कर्म, सेवा, यही सच्ची पूजा है,
मल्हार का चिंतन, बुद्धि को एनर्जी देता है। 💡

मतलब:
मार्तंड भैरव का उदय (प्रकट होना) भक्ति का एक बड़ा त्योहार है।
भैरव की कृपा से दुख का सागर पार किया जा सकता है।
अच्छे कर्म और सेवा करने का भाव ही सच्ची पूजा है।
मल्हार का ध्यान करने से बुद्धि को एनर्जी (ऊर्जा) मिलती है।

इमोजी समरी: 🚩 🌊 💡

कड़वा 6

इस दिन भक्त छठा व्रत रखते हैं, 🙏
खंडोबा के चरणों में पूरा समर्पण हो गया। 💯
तालाब भरना, दीपक जलाना, लगातार सेवा,
तन की कोई चिंता नहीं, बस मन की जलन। 🕊�

मतलब:
इस दिन भक्त छठा व्रत (उपवास) रखते हैं।
वे हर तरह से खंडोबा के चरणों में समर्पित हो जाते हैं।
तालाब भरना, दीपक जलाना जैसी सेवा लगातार चलती रहती है।
तन की चिंता किए बिना, मन में बस एक ही इच्छा (ईर्ष्या) (भगवान का सानिध्य पाने की) रहती है।

इमोजी समरी: 🙏 💯 🕊�

कड़वा 7

मार्तंड की कृपा से जीवन में खुशहाली, 💎
वीरता, ज्ञान, भक्ति, तीनों एक साथ बढ़ते हैं। 🤝
आओ, मल्हार राजा का सम्मान करें, 👑
राक्षसों पर उनकी जीत का गुणगान करें। 🥁

मतलब:
मार्तंड भैरव की कृपा से जीवन में खुशहाली आती है।
वीरता, ज्ञान और भक्ति, तीनों चीजें एक साथ बढ़ती हैं।
आओ, मल्हार राजा का सम्मान करें।
आओ, राक्षसों पर उनकी जीत का गुणगान करें।

इमोजी समरी: 💎 🤝 👑 🥁
इमोजी समरी: 💎 🤝 👑 🥁

✨ इमोजी समरी (इमोजी का सारांश) ✨
🗓� ✨ 💖 😈 😟 🔱 💥 ⚔️ 💪 📣 🎶 💛 🤩 🚩 🌊 💡 🙏 💯 🕊� 💎 🤝 👑 🥁

यह कविता 26 नवंबर, 2025 (मार्तंड भैरवोत्थापन / चंपा षष्ठी) के दिन के महत्व और भगवान खंडोबा की विजय की कहानी पर आधारित है (मल्हारी मार्तण्ड)

--अतुल परब
--दिनांक-26.11.2025-बुधवार.
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