🚩 अंबेगांवचा मल्हार: शिंगवेचा जागर ⚔️🗓️ 🏞️ ✨ 👑 🐅 📣 ⚔️ 📍 🙏 🐴 🚶‍♂️ 🎶 🌟

Started by Atul Kaviraje, November 26, 2025, 07:59:36 PM

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Atul Kaviraje

खंडोबा उत्सव-शिंगवे, तालुका-आंबेगाव-

बुधवार, 26 नवंबर, 2025 को अंबेगांव तालुका के शिंगवे में होने वाले खंडोबा त्योहार (चंपा षष्ठी) का महत्व दिखाया गया है, जो भक्ति से भरा है।

🚩 अंबेगांवचा मल्हार: शिंगवेचा जागर ⚔️

(लंबी मराठी कविता)

कड़वे 1

मार्गशीर्ष षष्ठी, एक बहुत खास दिन, 🗓�
अंबेगांव तालुका में, शिंगवे की खुशबू। 🏞�
चंपा षष्ठी का छठा दिन, खंडोबा का त्योहार,
चलो बैंक तोड़ें, मन को शुद्ध करें। ✨

मतलब:
मार्गशीर्ष महीने की छठी (षष्ठी) तारीख बहुत खास है।
अंबेगांव तालुका में, शिंगवे गांव निवास है।
यह चंपा षष्ठी का छठा दिन है, जो खंडोबा का त्योहार है।
चलो बैंक (हल्दी पाउडर) तोड़ते हैं और अपने मन को शुद्ध करते हैं।

इमोजी समरी: 🗓� 🏞� ✨

कड़वे 2

सींग के देवता, मल्हारी मार्तंड, 👑
राक्षसों का नाश करने वाले, उनका रूप बहुत बड़ा है। 🐅
भैरव का अवतार, शिव का तेज,
भक्तों की पुकार पर, वह तुरंत मदद करते हैं। 📣

मतलब:
शिंगवे गाँव के देवता मल्हारी मार्तंड (खंडोबा) हैं।
वह राक्षसों का वध करने वाले हैं और उनका रूप बहुत बड़ा (शानदार) है।
वह भैरव का अवतार और शिव का तेज हैं।
भक्तों के पुकारते ही, वह तुरंत मदद करते हैं।

इमोजी समरी: 👑 🐅 📣

कड़वे 3

उसने छह दिन का युद्ध लड़ा, जहाँ भी, ⚔️
सींग की ज़मीन, जहाँ उसका महत्व हो गया। 📍
उसने रत्नों और रत्नों का अंत कर दिया,
उसने दुनिया को बचाया, उस मल्हारी संत ने। 🙏

मतलब:
सींग की ज़मीन जहाँ मल्हारी मार्तंड ने छह दिन तक युद्ध किया, उसने खास महत्व हासिल कर लिया है।
उसने मणि और मल्ल राक्षसों को मार डाला।
वह मल्हारी संत है जो दुनिया को बचाता है।

इमोजी समरी: ⚔️ 📍 🙏

कड़वे 4

घोड़े को लाल धागे से सजाया गया है, 🐴
भक्त घंटा बजाकर इकट्ठा होते हैं। 🚶�♂️
'येलकोट' की आवाज़ दसों दिशाओं में बजती है, 🎶
खंडोबा की कृपा से, सबकी किस्मत नई होती है। 🌟

मतलब:
भगवान का घोड़ा लाल धागे से सजाया गया है।
भक्त गोंग (कंबल) लेकर इकट्ठा होते हैं।
'येलकोट' की आवाज़ दसों दिशाओं में बजती है।
खंडोबा की कृपा से, सबकी किस्मत नई होती है।

इमोजी समरी: 🐴 🚶�♂️ 🎶 🌟

कड़वे 5

तालाब भरना, जगाना, भक्ति पूरी रहना, 🌙
भक्तों के मन में, कोई घाव नहीं। ❤️
पीला रंग, हर जगह, 💛
खंडोबा के चरणों में, इसका आनंद लें। 😊

मतलब:
तालाब भर गया, जागरण हो गया, पूरा इलाका भक्तिमय हो गया।
भक्तों के मन में कोई घाव (घाव) नहीं है।
हर जगह पीले रंग का नज़ारा (भंडारा) दिख रहा है।
खंडोबा के चरणों में, हमें इसका आनंद लेना चाहिए।

इमोजी समरी: 🌙 ❤️ 💛 😊

कड़वे 6

सेवा, कर्म योग, यही शिक्षा है, 💯
बिना इच्छा के जीवन जीना चाहिए, हवन करके अर्पण करना चाहिए। 🔥
रोटी और बैंगन, खास प्रसाद,
भक्तों की भूख मिटती है, पैसा ही उनका एकमात्र ध्यान है। 🍲

मतलब:
सेवा की भावना और कर्म योग (फल की इच्छा के बिना काम करना) उनकी शिक्षा है।
सभी अर्पण (हवन) करके शुद्ध मन से जीवन जियो।
वे रोटी और बैंगन से भरा यह खास प्रसाद देते हैं। भक्तों की भूख मिट जाती है और मन उसी में रम जाता है।

इमोजी समरी: 💯 🔥 🍲

कड़वा 7

सींग का मल्हार, सबको सहारा देता है, 🤝
भक्ति और ज्ञान का, आज का दिन थार हो। 💎
जय जय मल्हार, आज प्रणाम करने से, 🙏
जीवन में एक बड़ा सुंदर राज्य आएगा। 👑

मतलब:
सींग का मल्हार सबको सहारा देता है।
इस दिन भक्ति और ज्ञान (थार) का स्थान मिलता है।
आइए आज 'जय जय मल्हार' कहकर प्रणाम करें।
हमारे जीवन में एक बड़ा सुंदर राज्य (आनंद) आएगा।

इमोजी समरी: 🤝 💎 🙏 👑

इमोजी समरी: 🤝 💎 🙏 👑

✨ इमोजी समरी (इमोजी की समरी) ✨
🗓� 🏞� ✨ 👑 🐅 📣 ⚔️ 📍 🙏 🐴 🚶�♂️ 🎶 🌟 🌙 ❤️ 💛 😊 💯 🔥 🍲 🤝 💎 🙏 👑

यह कविता नवंबर में होने वाले खंडोबा त्योहार (चंपा षष्ठी) के धार्मिक और स्थानीय माहौल पर आधारित है 26, 2025 को अंबेगांव तालुका के शिंगवे में।

--अतुल परब
--दिनांक-26.11.2025-बुधवार.
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