🚩 कोरेगांव का मल्हार: रेवाड़ी का जाप 🔔🗓️ 😊 🙏 👑 ✨ 🗡️ 🛡️ 🏘️ 📣 💛 💖 🌙

Started by Atul Kaviraje, November 26, 2025, 08:00:15 PM

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Atul Kaviraje

खंडोबा उत्सव-रेवडी, तालुका-कोरेगाव-

बुधवार, 26 नवंबर, 2025 को कोरेगांव तालुका के रेवाड़ी में होने वाले खंडोबा त्योहार (चंपा षष्ठी) के महत्व को दिखाने वाली एक भक्ति कविता।

🚩 कोरेगांव का मल्हार: रेवाड़ी का जाप 🔔

(लंबी मराठी कविता)

कड़वे 1

मार्गशीर्ष षष्ठी, बुधवार का योग, 🗓�
कोरेगांव तालुका में, आनंद का आनंद। 😊
खंडोबा के निवास रेवाड़ी गांव में,
चंपा षष्ठी उत्सव, पूरा हो गया है। 🙏

मतलब:
मार्गशीर्ष महीने की छठी (षष्ठी) तिथि, और बुधवार का शुभ योग एक साथ आया है।
कोरेगांव तालुका में आनंद (आनंद) का अनुभव होता है।
खंडोबा का निवास रेवाड़ी गांव में है।
चंपा षष्ठी का त्योहार (भक्तों की) इच्छाएं पूरी करता है।

इमोजी समरी: 🗓� 😊 🙏

कड़वे 2

रेवड़ी के देवता, मल्हारी मार्तंड, 👑
राक्षसों का नाश करने वाले, उनका तेज बहुत ज़्यादा है। ✨
वे घोड़े पर सवार होते हैं, हाथ में भाला लिए हुए, 🗡�
वे भक्तों का साथ देते हैं, यही त्योहार है। 🛡�

मतलब:
रेवड़ी के देवता मल्हारी मार्तंड (खंडोबा) हैं।
वे राक्षसों का वध करने वाले हैं और उनका तेज बहुत ज़्यादा है।
वे घोड़े पर सवार होकर आते हैं, हाथ में भाला लिए हुए।
यह त्योहार भक्तों को सहारा और सुरक्षा देता है।

इमोजी समरी: 👑 ✨ 🗡� 🛡�

कड़वे 3

मंडप में जमा हुए सारे भक्त, 🏘�
'येलकोट' की आवाज़, सारे गम दूर। 📣
खजाना भर गया, हर तरफ पीला, 💛
भक्ति के इस रंग में, ज़िंदगी रंग गई। 💖

मतलब:
सभी भक्त उत्सव मंडप में जमा हुए हैं।

'येलकोट' का जाप करके सारे गम दूर करते हैं।

भंडारा (हल्दी पाउडर) डालने से पीला रंग हर जगह फैल जाता है।

भक्ति के इस रंग में ज़िंदगी डूब (डूब) जाती है।

इमोजी समरी: 🏘� 📣 💛 💖

कड़वा 4

कड़ाही भरना, जागना, रात भर जागना, 🌙
भगवान और भक्त, दोनों एक मूड में। 🎶
रोटी और बैंगन, नैवेद्य की मिठास, 🍲
खंडोबा की कृपा से, खुशी का तोहफ़ा मिलता है। 🎁

मतलब:
कड़ाही भरना, जागना, सब रात भर जागते हैं।
भगवान और भक्त दोनों एक ही रिदम (मूड) में हैं।
रोटी और बैंगन से बने इस नैवेद्य का स्वाद बहुत अच्छा है।
खंडोबा की कृपा से, खुशी का तोहफ़ा (जोड़ी) मिलता है।

इमोजी समरी: 🌙 🎶 🍲 🎁

कड़वे 5

सत्य, कर्म और धर्म, मार्तंड का ज्ञान, 💯
यही उनकी ज़िंदगी जीने की अवेयरनेस है। 💡
ज़िंदगी में गहराई, त्याग से आती है,
सत्संग की भूख, इस त्योहार से मिटती है। 🤝

मतलब:
सत्य, अच्छे कर्म और धर्म मल्हारी मार्तंड का ज्ञान हैं।
इस अवेयरनेस (होश) से ज़िंदगी जीनी चाहिए।
ज़िंदगी में मैच्योरिटी (गहराई) त्याग से आती है।
अच्छे लोगों की संगति (सत्संग) की भूख, इस त्योहार से मिटती है।

इमोजी समरी: 💯 💡 🤝

कड़वे 6

अट्ठाईस युगों से, वह ईंटों पर खड़ा है, 🌟
भक्तों को यहाँ मिलता है, ऐसा कभी न खत्म होने वाला वैभव। 🌸
अन्याय, दुष्टता, उसका तुरंत नाश, ❌
रेवाड़ी का मल्हार, सुख का ग्रास। 🍚

मतलब:
(पंढरपुर के विठोबा की तरह) वह कई युगों से ईंटों पर खड़ा है।
भक्तों को यहाँ लगातार सुंदरता (आराधना) मिलती है।
वह अन्याय और बुराई का नाश करते हैं।
रेवाड़ी का मल्हार भक्तों को सुख (आनंद) का स्वाद चखाता है।

इमोजी समरी: 🌟 🌸 ❌ 🍚

कड़वे 7

कोरेगांव तालुका में, रेवाड़ी का यह स्थान, 📍
भक्ति से इसका नाम पवित्र हो गया है। 💖
जय जय मल्हारा, आज प्रणाम करने से, 🙏
जीवन में एक महान सुंदर राज्य आएगा। 👑

मतलब:
कोरेगांव तालुका में, रेवाड़ी एक पवित्र स्थान (धाम) है।
भक्ति से इसका नाम पवित्र हो गया है।
आइए आज 'जय जय मल्हारा' कहते हुए प्रणाम करें।
हमारे जीवन में एक महान सुंदर राज्य (खुशी) आएगा।

इमोजी समरी: 📍 💖 🙏 👑
इमोजी समरी: 📍 💖 🙏 👑

✨ इमोजी समरी (इमोजी का सारांश) ✨
🗓� 😊 🙏 👑 ✨ 🗡� 🛡� 🏘� 📣 💛 💖 🌙 🎶 🍲 🎁 💯 💡 🤝 🌟 🌸 ❌ 🍚 📍 💖 🙏 👑

यह कविता खंडोबा उत्सव (चंपा षष्ठी) के धार्मिक और उत्साहपूर्ण माहौल पर आधारित है 26 नवंबर, 2025 को कोरेगांव तालुका के रेवाड़ी में।

--अतुल परब
--दिनांक-26.11.2025-बुधवार.
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