'धोखे का आवरण'🏹😔🙏😢💧💖⛓️❓🕉️📖💡

Started by Atul Kaviraje, November 30, 2025, 12:48:53 PM

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Atul Kaviraje

॥ ज्ञानेश्वरी भावार्थदीपिका ॥
॥ अथ प्रथमोऽध्यायः – अध्याय पहिला ॥

॥ अर्जुनविषादयोगः ॥

तें कुळ देखोनि समस्त । स्नेह उपनलें अद्‍भुत ।तेणें द्रवलें असे चित्त । कवणेपरी ॥ २ ॥

⭐ कविता का सुंदर और दिल को छू लेने वाला शीर्षक: 'धोखे का आवरण'

1. आधार की पोजीशन और स्टेप:
देख कुरुक्षेत्री, वो कुल तुम्हारा है;
इंसान के जज़्बात पिघल गए, उसकी अक्ल ढक गई;
पल भर में, वो लगाव कमाल का था;
फर्ज भूलकर, भटक गया। 🖼� (रथ पर अर्जुन की तस्वीर) 🏹😔

2. आधार की पोजीशन और स्टेप:
जुदाई से परेशान, इंसान का डर;
युद्ध धर्म छोड़कर, जुनून हावी हो गया;
पूज्य पितामह, और महान गुरु;
मुझसे शादी कैसे करें, यही मुश्किल सवाल है। 🖼� (भीष्म और द्रोण की तस्वीर) 🙏😢

3. आधार की पोजीशन और स्टेप:
जल जाता है, आंखों से गहरा;
धनुष का बोझ, रास्ते बहुत भारी;
उसका दिल मक्खन की तरह पिघल जाता है;
घुल जाता है, सारी हिम्मत। 🖼� (पिघलते हुए मक्खन की तस्वीर) 💧

4. सहारे की जगह और कदम:
यह भ्रम अजीब, अद्भुत लगता है;
क्योंकि यह स्नेह, युद्ध से बचाता है;
रिश्तेदारों के लिए प्यार, स्वाभाविक धर्म;
परी अब देखती है, यही महान भ्रम है। 🖼� (जंजीरों वाले दिल की तस्वीर) 💖⛓️

5. सहारे की जगह और कदम:
'कवनेपरी' जानी जाती है, मन चंचल है;
मौली पोंछ रही है, यह एहसास गंभीर है;
भक्ति की आँखों से, इस पल को देखना चाहिए;
भ्रम के अंधेरे में, विवेक खो गया है। 🖼� (सवाल के निशान की तस्वीर)❓

6. सहारे की जगह और कदम:
इस स्नेह के जाल में, अर्जुन फंसा हुआ है;
कर्तव्य का रास्ता, वह खो गया है;
इस भ्रम पर, कृष्ण उपदेश देते हैं;
योग और ज्ञान, गीता के ज़रिए बताएंगे। 🖼� (कृष्ण और अर्जुन की इमेज) 🕉�

7. सहारे की स्थिति और कदम:
मन के ये तरल पदार्थ, इंसान को सिखाते हैं;
कैसे धोखा दिया जाए;
कर्तव्य छोड़कर, मोह भारी हो जाता है;
इसलिए, योग में इस लालच को मना किया गया है। 🖼� (खुली किताब/गीता की इमेज) 📖💡

⭐ सारांश (Summary of Emojis):

🏹😔🙏😢💧💖⛓️❓🕉�📖💡

--अतुल परब
--दिनांक-28.11.2025-शुक्रवार.
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