कृष्ण की पृष्ठभूमि और गीता का ज्ञान-आचार्य प्रशांत-🌟👶🎶🐄👑🏰🏹🛡️📖🗣️🧘‍♂️🕉

Started by Atul Kaviraje, November 30, 2025, 02:47:23 PM

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Atul Kaviraje

कृष्ण की पृष्ठभूमि और गीता का ज्ञान-आचार्य प्रशांत-

एक सुंदर, अर्थपूर्ण, सीधीसादी, सरल तुकबंदी के साथ कविता

चरण 1: कृष्ण का जन्म और बाल लीला
अंधेरी कारा में जन्म लियो, कंस का भय था छाया,
यमुना पार कर आए, वृंदावन को लुभाया।
मुरली की धुन पर, मन मोहित हुए सारे,
माखन चोर लीला से, सब जग को प्यारे।
अर्थ: कृष्ण का जन्म अँधेरी कारागार में हुआ, कंस का डर छाया हुआ था। यमुना पार करके आए और वृंदावन को मोहित कर दिया। मुरली की धुन पर सबका मन मोहित हुआ, माखन चोरी की लीला से वे सारे संसार को प्यारे लगे।
🌟👶🎶🐄

चरण 2: धर्म की स्थापना का मार्ग
मथुरा से चले फिर, द्वारका बसाए,
न्याय और धर्म का, ध्वज लहराए।
महाभारत के युद्ध में, सारथी वो बने,
धर्म की रक्षा हेतु, शस्त्र न चुने।
अर्थ: फिर मथुरा से चले और द्वारका बसाई, न्याय और धर्म का झंडा फहराया। महाभारत के युद्ध में वे सारथी बने, धर्म की रक्षा के लिए उन्होंने शस्त्र नहीं उठाए।
👑🏰🏹🛡�

चरण 3: गीता का अद्भुत ज्ञान
कुरुक्षेत्र के मैदान में, अर्जुन जब घबराए,
गुरु बन कृष्ण ने, ज्ञान मार्ग दिखाए।
कर्म की गाथा गाई, फल की न आस,
आत्मा अजर अमर, यही है विश्वास।
अर्थ: कुरुक्षेत्र के मैदान में जब अर्जुन घबरा गए, तब कृष्ण ने गुरु बनकर ज्ञान का मार्ग दिखाया। कर्म की गाथा गाई, फल की आशा न रखने का उपदेश दिया, आत्मा अजर-अमर है, यही विश्वास है।
📖🗣�🧘�♂️🕉�

चरण 4: कर्म, ज्ञान और भक्ति
कर्म करते जाओ तुम, बिना मोह के बंधन,
ज्ञान से मिटे अज्ञान, पाए मन चंदन।
भक्ति में लीन हो जा, मुझको ही तू जान,
सारे पाप मिट जाएँगे, मुझ पर ही ध्यान।
अर्थ: तुम मोह के बंधन के बिना कर्म करते जाओ, ज्ञान से अज्ञान मिटेगा और मन को चंदन जैसी शांति मिलेगी। भक्ति में लीन हो जाओ, मुझे ही जानो, तुम्हारे सारे पाप मिट जाएँगे, मुझ पर ही ध्यान लगाओ।
💪🚫🍎🧠💡❤️

चरण 5: स्थितप्रज्ञ का जीवन
सुख-दुख में सम रहना, यही है सार जीवन का,
मान-अपमान में स्थिर, न हो मन विचलित का।
बुद्धि को स्थिर रखो, हर हाल में शांत रहो,
यही है स्थितप्रज्ञता, यही है सच्चा ठाँव।
अर्थ: सुख-दुख में समान रहना ही जीवन का सार है, मान-अपमान में स्थिर रहना, मन को विचलित न होने देना। बुद्धि को स्थिर रखो, हर हाल में शांत रहो, यही स्थितप्रज्ञता है, यही सच्चा स्थान है।
⚖️🧘 Calmness ✨

चरण 6: स्वधर्म का पालन
अपने स्वधर्म को जानो, करो उसका पालन,
न किसी से द्वेष रखो, न ही कोई जलन।
जो मिला है तुझको, ईमानदारी से करो,
मोक्ष की राह पर, धीरे-धीरे बढ़ो।
अर्थ: अपने स्वधर्म को पहचानो और उसका पालन करो, किसी से द्वेष मत रखो, न ही कोई ईर्ष्या। जो कुछ तुम्हें मिला है, उसे ईमानदारी से करो, मोक्ष की राह पर धीरे-धीरे बढ़ो।
🕊�✨path 👣

चरण 7: गीता का अमर संदेश
गीता का यह ज्ञान, अमर है सदा,
जीवन की हर उलझन में, देता है फायदा।
कृष्ण के वचनों को, मन में सदा धर,
पाओगे तुम शांति, जीवन भर कर।
अर्थ: गीता का यह ज्ञान हमेशा अमर है, जीवन की हर उलझन में यह लाभ देता है। कृष्ण के वचनों को हमेशा मन में रखो, तुम जीवन भर शांति पाओगे।
📖🙏😊💖

--अतुल परब
--दिनांक-28.11.2025-शुक्रवार.
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