🧘‍♀️ आत्मा की बेहिसाब यात्रा ♾️🧘‍♀️ ♾️ ⭕️ 👤 🔁 🌌 🕉️ ✨ 🔓 💖 🙏 😊🙌💡♾️🚩

Started by Atul Kaviraje, November 30, 2025, 03:08:31 PM

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Atul Kaviraje

SWAMI VIVEKANAND QUOTS-
Quote 1
The soul is a circle whose circumference is nowhere (limitless), but whose centre is in some body. Death is but a change of centre. God is a circle whose circumference is nowhere, and whose centre is everywhere. When we can get out of the limited centre of body, we shall realise God, our true Self.

🧘�♀️ आत्मा की बेहिसाब यात्रा ♾️

स्वामी विवेकानंद के एक कोट पर आधारित एक लंबी मराठी कविता

कोट: "आत्मा एक सर्कल है जिसका घेरा कहीं नहीं है (असीमित), लेकिन जिसका सेंटर किसी शरीर में है। मौत तो बस सेंटर का बदलना है। भगवान एक सर्कल है जिसका घेरा कहीं नहीं है, और जिसका सेंटर हर जगह है। जब हम शरीर के सीमित सेंटर से बाहर निकल पाएंगे, तो हम भगवान, अपने असली स्व को महसूस करेंगे।"

1. आत्मा का नेचर

आत्मा एक सर्कल है, उसका घेरा नहीं है;
क्लॉज़: घेरा कहीं नहीं है
मराठी मतलब: आत्मा एक सर्कल की तरह है जिसकी लिमिट (घेरा) कहीं नहीं है, यह बेहिसाब है।

लेकिन इसका सेंटर इस नश्वर शरीर में है।
क्लॉज़: सेंटर किसी शरीर में है
मराठी मतलब: लेकिन इसका सेंटर इस कुछ समय के शरीर में है, जिससे यह सीमित लगता है।
वह जन्म और मृत्यु के चक्र में अंतहीन घूमता रहता है, यही आत्मा की महिमा है, इसकी कोई सीमा नहीं है।

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2. मृत्यु का रहस्य

मृत्यु क्या है, बस सेंटर का बदलाव;
परिभाषा: सेंटर का बदलाव

मराठी अर्थ: मृत्यु आत्मा का नाश नहीं है, यह बस एक शरीर के सेंटर को छोड़कर दूसरे को अपनाना है।

एक शरीर को छोड़कर, नए रास्ते पर मुड़ना।
परिभाषा: नए रास्ते पर मुड़ना

मराठी अर्थ: यह पुराने शरीर को छोड़कर जीवन के नए रास्ते पर जाना है, जैसे कपड़े बदलना।

यह आत्मा की यात्रा में बस एक कदम है, नई ताकत के साथ फिर से चमकना, एक नए जन्म में।

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3. ईश्वर का विशाल रूप

ईश्वर एक घेरा है, उसकी कोई परिधि नहीं है; श्लोक: परिधि कहीं नहीं है
मराठी अर्थ: भगवान भी एक अनंत घेरे की तरह हैं, उनकी कोई सीमा नहीं है।
लेकिन उनका केंद्र हर जगह, हर कण में है।

श्लोक: हर जगह, हर कण में (केंद्र हर जगह है)
मराठी अर्थ: लेकिन उनकी खास बात यह है कि उनका केंद्र (मौजूदगी) हर जगह, हर कण में है।

वह शाश्वत, अनंत, सर्वव्यापी, सच्चा रूप हैं, उन्हीं की चमक से हम इस पूरी सृष्टि को देखते हैं।

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4. शरीर के बंधन से मुक्ति

जब तक हम इस 'शरीर-केंद्र' की सीमा के अंदर हैं,
श्लोक: 'शरीर-केंद्र' सीमा
मराठी अर्थ: जब तक हम खुद को सिर्फ़ इस शरीर का केंद्र मानते हैं।

तब तक, हमें आत्मा का ज्ञान नहीं होता।
शब्द: समझ में नहीं आता
मराठी अर्थ: जब तक हम आत्मा के सच्चे और विशाल स्वरूप को नहीं समझते, हम अज्ञान में रहते हैं।

जब हम शरीर से लगाव छोड़कर अपना नज़रिया बड़ा करते हैं, तभी सच्चे ज्ञान की रोशनी दिल में आती है।

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5. भगवान को पाने का तरीका

जब हम इस 'सेंटर' वाली फीलिंग से बाहर निकल पाते हैं,
शब्द: बाहर निकल सकते हैं
मराठी मतलब: जब हम खुद को सिर्फ़ शरीर समझने के बजाय, इससे बाहर निकलने की कोशिश करते हैं।

तभी हम असली रूप, भगवान को जान पाएंगे।
शब्द: भगवान को महसूस करेंगे
मराठी मतलब: तभी हम भगवान और अपनी सच्ची आत्मा को जान पाएंगे।

मैं वो हूँ, वो मैं हूँ, ये एक जैसा एहसास जागेगा, इस दिव्य एहसास से, हम खुशी से झूम पाएंगे।

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6. सच्चे स्व की पहचान
वो भगवान, वो मेरा असली स्व है; परिभाषा: हमारा सच्चा स्व

मराठी मतलब: जिस भगवान को हम खोज रहे हैं, वही हमारा सच्चा स्व है।

जीव और शिव का मिलन ही भक्ति का रास्ता है।

परिभाषा: जीव और शिव का मिलन

मराठी मतलब: आत्मा और परमात्मा का एक होना ही सच्ची भक्ति का सुंदर अनुभव है।

द्वैत से परे, अद्वैत का सच्चा ज्ञान, यही ज्ञान ही जीवन जीने का मतलब देता है।

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7. भक्ति का सार

तो आइए, भक्ति के साथ इस सच को मानें, शरीर का नहीं, आत्मा की अनंतता का अनुभव करें।

स्वामीजी के शब्दों से मिलने वाला यह महान ज्ञान, हर पल याद रखना चाहिए, कि हम 'वह' हैं।

सत्य-रूप, प्रेम-रूप, चेतना-रूप! जय जय रामकृष्ण, जय जय विवेकानंद!
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इमोजी समरी
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--अतुल परब
--दिनांक-27.11.2025-गुरुवार.
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