ज्ञान सारे दुख दूर कर देगा। ज्ञान हमें आज़ाद बना देगा-1-💡⛓️💥📚🧪👤🌌✨🧘🐦⬆️🦁

Started by Atul Kaviraje, November 30, 2025, 03:14:23 PM

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Atul Kaviraje

स्वामी विवेकानंद के कोट्स-
कोट 2
ज्ञान सारे दुख दूर कर देगा। ज्ञान हमें आज़ाद कर देगा। यही ज्ञान-योग का आइडिया है: ज्ञान हमें आज़ाद कर देगा! कौन सा ज्ञान? केमिस्ट्री? फ़िज़िक्स? एस्ट्रोनॉमी? जियोलॉजी? ये हमारी थोड़ी मदद करते हैं, बस थोड़ी सी। लेकिन मुख्य ज्ञान आपके अपने स्वभाव का है। 'खुद को जानो।' आपको पता होना चाहिए कि आप क्या हैं, आपका असली स्वभाव क्या है। आपको अपने अंदर उस अनंत स्वभाव के बारे में पता होना चाहिए। तब आपके बंधन टूट जाएँगे।

🙏 स्वामी विवेकानंद सुविचार - हिंदी कमेंट्री 🙏

विचार: "ज्ञान सारे दुख दूर कर देगा। ज्ञान हमें आज़ाद बना देगा। ज्ञान-योग का यही विचार है: ज्ञान हमें आज़ाद बना देगा! कौन सा ज्ञान? केमिस्ट्री? फ़िज़िक्स? एस्ट्रोनॉमी? जियोलॉजी? ये हमारी थोड़ी मदद करते हैं, बस थोड़ी सी। लेकिन मुख्य ज्ञान आपके अपने स्वभाव का है। 'खुद को जानो।' आपको जानना होगा कि आप क्या हैं, आपका असली स्वभाव क्या है। आपको अपने अंदर उस अनंत स्वभाव के बारे में पता होना चाहिए। तभी आपके बंधन टूटेंगे।"

॥ सुविचार की व्याख्या पर एक पूरा और विस्तृत लेख ॥

स्वामी विवेकानंद का यह विचार वेदांत और ज्ञान योग के दर्शन का आधार है। वे बताते हैं कि इंसान का असली लक्ष्य सिर्फ़ भौतिक शिक्षा हासिल करना नहीं है, बल्कि आत्म-ज्ञान पाना है। यह आत्म-ज्ञान ही दुख से मुक्ति और बंधन से मुक्ति दिला सकता है।

1. दुख दूर करने वाला ज्ञान

A. दुख और अज्ञान: स्वामीजी के अनुसार, जीवन में सभी दुखों की जड़ अज्ञान है। हम खुद को शरीर और मन मानते हैं, यही सबसे बड़ा अज्ञान है।

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B. ज्ञान की भूमिका: सच्चा ज्ञान व्यक्ति को उसके अनंत और अविनाशी स्वरूप का एहसास कराता है, जिससे भौतिक दुख अस्थायी और गौण हो जाते हैं।

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C. उदाहरण: जैसे हम रस्सी से डरते हैं क्योंकि वह एक साँप (अज्ञान) है, जब हम जानते हैं कि वह एक रस्सी है, तो डर (दुख) दूर हो जाता है।

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2. आज़ादी का रास्ता और ज्ञान योग
A. ज्ञान से मुक्ति: ज्ञान योग (योग से ज्ञान पाना) वह रास्ता है जो इंसानी बंधनों (जैसे जन्म और मृत्यु, कर्म का फल, आसक्ति) को तोड़ता है और मुक्ति (मोक्ष) देता है।

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B. बंधन: हमारे बंधन बाहर नहीं, बल्कि हमारे मन में होते हैं। अज्ञानता के कारण, हम खुद को सीमित मानते हैं।

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A. उदाहरण: जब पिंजरे में बंद पक्षी को पता चलता है कि दरवाज़ा खुला है (ज्ञान), तो वह उड़ जाता है (आज़ादी), उसे पिंजरा तोड़ने की ज़रूरत नहीं होती।

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3. 'ज्ञान' क्या है? (What Knowledge is It?)

A. फिजिकल साइंस सबऑर्डिनेट: स्वामीजी फिजिकल साइंस (केमिस्ट्री, फिजिक्स) के महत्व को कम नहीं आंकते, लेकिन वे कहते हैं कि ये साइंस थोड़ी ही मदद करते हैं। ये बाहरी दुनिया का ज्ञान हैं।

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B. मुख्य ज्ञान की पहचान: मुख्य ज्ञान वह है जो हमें हमारे असली स्वरूप का पता कराता है।

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A. उदाहरण के साथ: अगर कोई इंसान दुनिया के सभी देशों की राजधानी जानता है, लेकिन अपनी असली ताकत नहीं जानता, तो वह ज्ञान अधूरा है।

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4. 'खुद को जानो' - खुद को जानने का आदेश

A. पुरानी सीख: 'खुद को जानो' ग्रीक फिलॉसफी और उपनिषदों का आखिरी सच है।

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B. खुद की पहचान: हम यह शरीर, यह मन या यह बुद्धि नहीं हैं; हम अनंत और शुद्ध 'आत्मा' हैं। यह पहचान ही सच्चा ज्ञान है।

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A. उदाहरण: जब कोई एक्टर अपना कॉस्ट्यूम उतारता है, तो उसे याद आता है कि वह सिर्फ एक कैरेक्टर नहीं है, बल्कि खुद एक इंसान है।

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5. असली स्वभाव और उसका विज़न
A. असली स्वभाव: हमारा असली स्वभाव सच्चिदानंद (सत् - अस्तित्व, चित् - चेतना, आनंद - परमानंद) है। यह कभी नहीं बदलता।

🕉� आनंद

B. जानने की ज़रूरत: हमें यह जानना है, सिर्फ़ इसके बारे में पढ़ना या सुनना नहीं है। यह एक एहसास है।

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A. उदाहरण: सिर्फ़ मीठे के बारे में पढ़ने या सुनने का कोई फ़ायदा नहीं है, जब तक कि हम खुद चीनी खाकर इसका अनुभव न करें।

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⭐ सारांश (Summary of Emojis):

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--संकलन
--अतुल परब
--दिनांक-28.11.2025-शुक्रवार.
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