🕊️ सद्गुरु भरतदास महाराज पुण्यतिथि: अंबोली की भक्ति की धारा-🙏🌞💖🚩✨🧘‍♀️🎶🙌

Started by Atul Kaviraje, December 01, 2025, 04:40:27 PM

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Atul Kaviraje

भIरतदास महाराज पुण्यतिथी-आंबोली, तालुका-सावंतवाडी-

🕊� सद्गुरु भरतदास महाराज पुण्यतिथि: अंबोली की भक्ति की धारा (30 नवंबर, 2025, रविवार) 🕊� (सद्गुरु भरतदास महाराज पुण्यतिथि: अंबोली की भक्ति की धारा - 30 नवंबर, 2025, रविवार)

कविता का सारांश: यह कविता सिंधुदुर्ग जिले के सावंतवाड़ी तालुका के अंबोली में राघवेश्वर मठ के सद्गुरु भरतदास महाराज की पुण्यतिथि के उत्सव के बारे में बताती है। इस दिन, रविवार, 30 नवंबर, 2025 के भक्तिमय माहौल, महाराज की शिक्षाओं और उनकी याद में श्रद्धांजलि देने की भावना की तारीफ़ इन सात दोहों में की गई है। हर दोहे में चार लाइनें हैं, जो महाराज की महानता, प्रकृति की सुंदरता और लोगों की आस्था को दिखाती हैं।

1. पहला दोहा

आज की तारीख, 30 नवंबर, खास है,
अंबोली की धरती में,यादों की खुशबू है।
आज रविवार है, भक्ति का यह त्योहार,
सद्गुरु भरतदास महाराज, भक्तों का जमावड़ा।

मतलब: आज (30 नवंबर, 2025) बहुत खास है, क्योंकि महाराज की पवित्र यादों की खुशबू अंबोली (सावंतवाड़ी) की धरती पर फैल रही है। आज रविवार होने की वजह से, यह भक्ति का एक बड़ा त्योहार है, जिसमें भक्त सद्गुरु भरतदास महाराज को श्रद्धांजलि देने के लिए इकट्ठा हुए हैं।

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2. दूसरी बातें

राघवेश्वर मठ में आज शांति और रौनक है,
महाराज की यादों से मन खुश है।
सुबह-सुबह काकड़ आरती, नामस्मरण की धुनें,
शिष्यों और भक्तों के दुख दूर हो जाते हैं।

मतलब: आज राघवेश्वर मठ में एक तरह की शांति और रौनक है। महाराज की यादों से मन खुश और रोशन है। नामस्मरण की धुनों से शिष्यों और भक्तों के दुख दूर हो जाते हैं।

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3. तीसरा कड़वा

ज्ञान की चर्बी दी, भक्ति का आसान रास्ता दिखाया,
मानव जाति का कल्याण किया, मोक्ष का स्वर्ग पाया।
अम्बोली की इस मिट्टी में, आपका पवित्र निवास,
आपकी शिक्षा अनमोल है, यही सच्चा भगवान है, शानदार।

मतलब: महाराज ने लोगों को ज्ञान सिखाया और भक्ति का आसान रास्ता दिखाया। उन्होंने मानव जाति का भला किया और लोगों को मोक्ष का रास्ता दिखाया। आपका पवित्र निवास अंबोली की इस मिट्टी में था। आपकी शिक्षा बहुत कीमती है, यही सच्चा महान भगवान है।

💡📚🧡💫

4. चौथा कड़वा

अभिषेक आज सुबह, पालकी समारोह,
हरिनाम की धुन के बीच, भक्तों की भीड़ उमड़ी।
वीणा पूजन और भजन, कीर्तन की मिठास,
पुण्यतिथि का यह योग, भक्ति की जोड़ी।

अर्थ: आज सुबह महाराज का अभिषेक हुआ और पालकी समारोह हुआ। हरिनाम की धुन में भक्तों का एक बड़ा समूह इकट्ठा हुआ। वीणा पूजन, भजन और कीर्तन का सुंदर कार्यक्रम चल रहा है। पुण्यतिथि का यह योग भक्ति और आस्था का सुंदर मेल है।

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5. पांचवां खट्टा-मीठा

प्रवचन से जीवन का रहस्य सामने आया,
प्रेम और सत्य ही सुख-दुख का आधार हैं।
प्रसाद का लाभ सभी छोटे-बड़े उठा रहे हैं,
महाराज की कृपा से ज्ञान की शक्ति बढ़ती है।

अर्थ: महाराज के प्रवचन से जीवन का रहस्यमय अर्थ समझ में आया। सुख-दुख के समय प्रेम और सत्य ही सच्चा आधार हैं। महाप्रसाद का लाभ सभी छोटे-बड़े उठा रहे हैं। महाराज की कृपा से ज्ञान की शक्ति बढ़ती है।

🍚👴👧🌟

6. छठा कड़वा-मीठा

दिन ढल रहा था, कोंकण का यह समय,
पहाड़ों पर फैला, प्रकृति का सुंदर रेला।
दीप जला है, पूरा मठ,
शांत और पवित्र हो गया, अंबोली की हवा।

मतलब: दिन ढल गया है, कोंकण में शाम का समय है। प्रकृति का सुंदर नज़ारा अंबोली के पहाड़ों पर फैला है। मठ में हर जगह दीपक (लैंप) जल रहे हैं। यह अंबोली समारोह शांतिपूर्ण और पवित्र हो गया है।

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7. सातवां कड़वा

आइए आज हम महाराज की महिमा गाएं,
यह शिक्षा जीवित रहे, जब तक भक्ति भूमि है।
पुण्य तिथि का यह दिन, प्रेरणा देने वाला है,
ज्ञान का प्रकाश हमेशा बना रहे, उपकारक।

अर्थ: आज हम सद्गुरु भरतदास महाराज की महिमा का गुणगान करें। जब तक धरती पर भक्ति रहेगी, उनकी शिक्षाएं जीवित रहेंगी। पुण्य तिथि का यह दिन सभी के लिए प्रेरणा देने वाला है। महाराज के ज्ञान का प्रकाश हमेशा ऐसे ही बना रहे और सभी का भला करे।

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काम की तस्वीरें/सिंबल

सद्गुरु/संत: 👑 / 🕊� (क्राउन-नॉलेज, शांति)
पूजा/भक्ति: 🙏 / 🙌 (नमस्कार, वंदन)
रोशनी/ज्ञान: 🌞 / 💡 (दिन, रोशनी, ज्ञान)
प्रकृति/कोंकण: 🏞� / 🌿 (पहाड़, हरियाली)
आरती/दीपक: 🕯� / ✨ (दीप जलाना)
संगीत/समारोह: 🎶 / 🥁 (धुन, ढोल)
प्रसाद/लोग: 🍚 / 🎉 (महाप्रसाद, उत्साह)

इमोजी सारांश

🙏🌞💖🚩✨🧘�♀️🎶🙌💡📚🧡💫🥁🌺💖🎉🍚👴👧🌟🌅🕯�🏞�🌿🙏👑🇮🇳🕊�

--अतुल परब
--दिनांक-30.11.2025-रविवार.
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