🧘‍♂️🔒 मौनी एकादशी: आत्म-शांति का व्रत 🔒🧘‍♂️ - मौन में छिपी आत्मा की चमक -🌍

Started by Atul Kaviraje, December 02, 2025, 04:05:59 PM

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Atul Kaviraje

मौनी एकादशी-जैन-

🧘�♂️🔒 मौनी एकादशी: आत्म-शांति का व्रत 🔒🧘�♂️

- मौन में छिपी आत्मा की चमक -

1.
मार्गशीर्ष की तिथि, मौन व्रत,
जैनियों के लिए, यह शुद्ध भक्ति है।
वाणी संयमित होनी चाहिए, मन शांत होना चाहिए,
मौनी एकादशी, आत्म-चिंतन का पंथ। 🗓�🙏🏼🤫🧠

अर्थ:
मार्गशीर्ष की यह तिथि मौन व्रत के लिए खास है।
जैनियों को मानने वालों के लिए, यह एक पवित्र भक्ति है।
वाणी संयमित होनी चाहिए और मन शांत होना चाहिए।
मौनी एकादशी खुद के आत्म-चिंतन का दिन है।

2.
मौन का मतलब सिर्फ़ इतना है, शब्दों का त्याग,
अंदर की उथल-पुथल, उसे आग लगा देना चाहिए।
विचार शुद्ध हों, नज़र शुद्ध हो,
यह, आत्म-चिंतन की सरल, सुंदर तड़प है। 🔇🔥💡👁�

मतलब:
मौन का मतलब सिर्फ़ न बोलना नहीं है।
मन में भ्रम और बुरे विचारों को खत्म करना ज़रूरी है।
विचार शुद्ध होने चाहिए और नज़र साफ़ होनी चाहिए।
यह आत्म-साक्षात्कार का एक सुंदर और सरल साधन है।

3.
जैन धर्म की शिक्षाएँ, अहिंसा की महानता,
मन, वाणी और कर्म से कोई बुराई नहीं होनी चाहिए।
इस व्रत के दिन, इस भावना को मज़बूत करना चाहिए,
क्षमा और मित्रता को जीवन के तरीके में शामिल करना चाहिए। 🌱💖🤝🏼🕊�

मतलब:
जैन दर्शन अहिंसा की श्रेष्ठता सिखाता है।
मन, वाणी और शरीर से किसी को नुकसान नहीं पहुंचाना चाहिए।
इस दिन इन मूल्यों को और मजबूत करना चाहिए।
क्षमा और मित्रता को जीवन का आधार बनाना चाहिए।

4.
आत्मा का स्वरूप ऐसा है, शांत और तेजस्वी,
दुनिया के इस शोर से, उसे इससे डरना नहीं चाहिए।
सुबह से रात तक, जप और जाप करने से,
ध्यान की शक्ति से, सभी पाप मिट जाते हैं। ✨👑🌍🧘�♀️

मतलब:
आत्मा का असली स्वरूप शांत और तेजस्वी है।
दुनिया की आपाधापी और डर उसे छू भी नहीं पाते।
पूरे दिन नाम जपना और जपना चाहिए।
ध्यान और साधना की शक्ति से सभी पाप नष्ट हो जाते हैं।

5.
संयम और त्याग, व्रत का असली महत्व,
इंद्रियों को वश में करना ही सच्ची रचना है।
मोक्ष का सोपान मौन से मिलता है,
और फिर, वैराग्य होकर, आत्मा की ज्योति प्रज्वलित होती है। 🔒⛓️🔑🔥

मतलब:
संयम और त्याग इस व्रत का असली सार है।
इंद्रियों को वश में करना आत्म-विकास का पहला सोपान है।
मोक्ष पाने का रास्ता मौन से पता चलता है।
फिर, आसक्ति छोड़कर (वैराग्य होकर), आत्मा की ज्योति तेज से प्रज्वलित होती है।

6.
वीतराग भगवंता, आपने मुझे दर्शन दिए हैं,
मुक्ति के इस मार्ग पर, आप मेरे साथ हैं।
वाणी का प्रयोग केवल सत्य के लिए होना चाहिए,
शांति के सागर में, आत्मा का दीपक होना चाहिए। 🙏🏼📿🗣�💡

मतलब:
वीतराग भगवंता हमारे जीवन में रोशनी बिखेरें।
मुक्ति के रास्ते पर उनका साथ मिले।
हमारी वाणी का इस्तेमाल सिर्फ़ सच्चाई और अच्छे कामों के लिए हो।
आत्मा का प्रकाश शांति के सागर में हो।

7.
मौनी एकादशी, यही मुक्ति की जीवनरेखा है,
अज्ञान और अहंकार को मिटाना चाहिए।
शांति, समभाव, यही जीवन का सार है,
मौन की शक्ति से आत्मा का उद्धार होता है। 🤫💖👑🌟

मतलब:
मौनी एकादशी आत्म-मुक्ति की जीवनरेखा है।
आज अज्ञान और अहंकार को खत्म करना चाहिए।
शांति और समभाव ही सच्चे जीवन के सिद्धांत हैं।
मौन की शक्ति ही आत्मा का सच्चा उद्धार है।

✨ इमोजी समरी ✨
🗓�🙏🏼🤫🧠🔇🔥💡👁�🌱💖🤝🏼🕊�✨👑🌍🧘�♀️🔒⛓️🔑🔥🙏🏼📿🗣�💡🤫💖👑🌟

--अतुल परब
--दिनांक-01.12.2025-सोमवार. 
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