👑 टाइटल: धनुष का लालच 🏹🏹 |💖|😭|🤔|🙏|✨|❓|👤|😰|💪|🌟|🏹|❌|🔥|⚔️|🛡️|💧|☁️|😔

Started by Atul Kaviraje, December 04, 2025, 09:55:30 PM

Previous topic - Next topic

Atul Kaviraje

॥ ज्ञानेश्वरी भावार्थदीपिका ॥
॥ अथ प्रथमोऽध्यायः – अध्याय पहिला ॥

॥ अर्जुनविषादयोगः ॥

तुज सांगे काय जाहलें । कवण उणें आलें ।करितां काय ठेलें । खेदु कायिसा ॥ ७ ॥
सांग तुला झाले तरी काय ? काय कमी पडले ? काय करावयाचे चुकले ? हा खेद कशाकरता ॥२-७॥

👑 टाइटल: धनुष का लालच 🏹

(भक्तिभाव पूर्ण, सिंपल, सरल, रसाल, यमक सहित, 07 कड़वे, 04 लाइन हर एक)

कविता का छोटा मतलब:

ये कृष्ण के शब्द हैं: तुम्हें क्या हो गया है, क्या कमी है, कौन सा काम रुक गया है, और तुम इसका पछतावा क्यों कर रहे हो?

कविता

1. शुरुआत: कुरुक्षेत्र के हालात

श्री हरि को कुरुभूमि पर खड़ा देखकर।
अर्जुन रोया, हाथ जोड़े।
दुख गहरा हुआ, धर्म दूर रहा।
हालात देखकर कृष्ण ज़ोर से बोले। 💖😭🤔🙏

2. श्री कृष्ण का पहला सवाल

तुम्हें क्या पता? बताओ मेरे दोस्त, सोचो।
आज तुम्हें किस बात ने डरा दिया है?
तुमने हिम्मत क्यों खो दी, तुम इतने कमज़ोर क्यों हो गए?
हीरो, तुम्हारी ये हालत, मुझे नहीं चाहिए। ✨❓👤😰

3. कमियों के बारे में सवाल

तुम्हारे पास क्या कमी है? तुम्हें क्या कमी महसूस होती है?
ताकत तुम्हारे पास है, बहादुरी कोई चीज़ नहीं है।
युद्ध का मैदान तैयार है, हथियार एकदम सही हैं।
तुम्हारी हिम्मत इतनी आसानी से क्यों टूट जाती है?
💪🌟🏹❌

4. फ़र्ज़ का एहसास

तुम क्या कर रहे हो? कौन से कर्म बाकी हैं।
युद्ध के लिए तैयार, अब कोई शक नहीं।
तुमने क्षत्रिय धर्म, अपनी बहादुरी को बचाकर रखा है।
अपना फ़र्ज़ मत छोड़ो, यहाँ अकेले मत बैठो।
🔥⚔️🛡�👤

5. पछतावे की बेकारी

पछतावा क्या है? यह सब मातम किस बात का है?
यहाँ सब कुछ नश्वर है, ये तो बस शरीर की धारा है।
ये तुम्हारा लालच, बस मन का फैलाव।
क्यों बेकार का पछतावा है, क्यों ये आँसुओं की हवा है?
💧❌☁️😔

6. उपदेश का सार

उठो, अपना धनुष उठाओ, कमज़ोर मत बनो।
ये लालच छोड़ो, हिम्मत और ताकत लो।
ये पल युद्ध का नतीजा है, टैक्स ड्यूटी।
इस पछतावे की परछाई को अभी दूर भगा दो। ☀️🏹🎯🏃

7. निष्कर्ष: मोटिवेशन

ज्ञानदेव कहते हैं, कृष्ण की कृपा महान है।
अर्जुन को दिया मंत्र, जो मोहावरी कोर।
कर्म योगी बनो, वो सब भोर बचाओ।
तो, 'खेदु कायसा?' ये एक कठोर शिक्षा है। 🙏💡🕉�👑

इमोजी समरी
👑 बो चार्म 🏹 |💖|😭|🤔|🙏|✨|❓|👤|😰|💪|🌟|🏹|❌|🔥|⚔️|🛡�|💧|☁️|😔|☀️|🎯|🏃|💡|🕉�

--अतुल परब
--दिनांक-03.12.2025-बुधवार.
===========================================