नही समझ पाए वोह..

Started by प्रशांत दादाराव शिंदे, April 13, 2012, 09:41:06 PM

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नही समझ पाए वोह..
उन्होने कभी ईस दिल को
प्यार से देखा ही नहीं

जखमी इस दिल को
काश वोह समझ समझ जाते

कसम खूदा की
एक पल भी दूर ना रेह पाते ....

ये गलती उनकी नहीं
ये तो होना ही था

नसिब ही ऐसा मिला है हमको
जिंदगीभर अकेले ही रोना था....
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©प्रशांत शिंदे