प्रणय

Started by kumudini, May 04, 2012, 11:40:01 AM

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kumudini

प्रणय
गंधात गंध निशिगंध
बेदुंध होऊनी आला
डोय्रात प्रीत ओठाथ गीत घेउनी
नीज सखीला खुलवायला
बेदुंध होऊनी आला
हा निशिगंध सुकुमार
ही  रातराणी हळुवार
लाजुनी मिटे पापणी
बिलगली लीन होऊनी
विसरुनी सर्व विश्वाला

प्रणयात हरपूनी होश
जाहला असा मदहोश
हातात हात गुंफुनी
घेउनी कवेत तीजसेकानी
प्रणय गीत गुणगुणला

ही आशी कावरी हूउनी बावरी
सादात साद मिसळूनी
धन्यता पाऊनि
रोम रोम बहरला
                                                 कुमुदिनी कालीकर

jyoti salunkhe