काज पांडुरंगाचे....

Started by shashaank, May 07, 2012, 12:33:39 PM

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काज पांडुरंगाचे....

(पुरंदरे शशांक)


कटेवरी हात | विचाराल मात | पाहतसे वाट | भक्तांची मी ||

कुठे गेला ज्ञाना | नामाही दिसे ना | टाहो ऐकू ये ना | तुकयाचा ||

आता येथ सारी | गर्दीचीच वारी | नावा वारकरी | उरलासे ||

भक्तीचा जिव्हाळा | नामाचा उमाळा | सकळ लोपला | इये काळी ||

काय उरलेसे | काज ते कोणते | मजलागि निके | कळेचिना ||

परि कोपर्‍यात | दिसे कोणी गात | पूर्ण तो भावात | बुडालेला ||

असोनी आंधळा | भक्तिचा तो मळा | दिसे की फुलला | परिपूर्ण ||

होवोनी तल्लीन | गातसे भजन | पूर्ण एकतान | वांछाहीन ||

तोचि की एकला | दिठीवान भला | येर तो आंधळा | जन वाटे ||

-(पुरंदरे शशांक)

स्वप्नील वायचळ

Mast lihila ahes mitra!
asach amahala vachu de!

केदार मेहेंदळे

khupach chan lihili aahe..... dev bhavacha bhukela.

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