तेजधिपती

Started by kumudini, May 13, 2012, 12:32:26 PM

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kumudini

तेजधिपती

तिमिराहारा  तेजोधारा   दिनकरा
तव चरण शरण ओमकारा
वाहती गोदा नि कृष्णा
तव  पदा  प्रक्षाळण्या
अर्घ्य देती  योगी याती
भरुनिया शत करा

पक्षी वृक्षी  जागलेले
गावयाला  भूपाळीते
अंबरी ते झेप घेती
सोडुनिया निज कोटरा

वेली लता  फुलावी फुला
अर्पिण्या पायी तुला
शीत वारा उधळी गंधा
भरुनिया शत करा
                                 
अंधार सारा संपला
दश दिशा  उजळल्या
लीन होण्या तव पदी
बुद्धी दे तू भास्करा

    कुमुदिनी काळीकर