नवीन विभाग कविते वरील कवितां साठी

Started by केदार मेहेंदळे, May 28, 2012, 11:41:06 AM

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केदार मेहेंदळे

कवितेच्या  विषया प्रमाणे  MK वर  विविध  भाग  आहेत.  नुकताच  MKवर  मैत्रीच्या  कवितां  करता  स्वतंत्र  विभाग  सुरु  करण्यात  आला  आहे  आणि  त्याला चांगलाच  प्रतिसाद  मिळत  आहे. विषया प्रमाणे विभाग  असल्यावर  आपल्या  आवडी  नुसार, गरजे नुसार  आणि  मूड   नुसार  कविता  वाचायचा  आनंद  मिळतो. MK चे  पुन्हा  एकदा  आभार.

सहज  सुचल  म्हणून  एक  सजेशन  आहे. कवीची  सगळ्यात  जिवाभावाची  सखी,मैत्रीण, सहचारी, मित्र  हि  कविताच  असते. कविते  इतक  कवीच्या  जवळ  कोणी  नसत आणि  तिच्या  इतक  जवळच  कवीला  कोणी  नसत. ते  दोघ  जणू  एक  मेकांत  मिसळलेलेच   असतात.  साधारण  प्रत्येक  कवींनी  निदान  दोन तीन कविता  ह्या  कवितेवर  केलेल्याच  आहेत आणि  जस  जसे  दिवस जातील तस तसे त्यालाआपल्याह्या  मैत्रिणीचे  वेगवेगळे  अनुभव  वेगळी रूप दिसायला अन समजायला लागतात. त्यांच्यातल  नात  हि  समृध्द  होत   जात.
मैत्री  पेक्षा  हि  हे  कविता  नी  कवीचं  नातं खुप   वेगळं  असतं . म्हणून  मला  अस  वाटत  कि  "कविता"  ह्या  विषयावर  लिहिलेल्या  कविते  साठी  एक  वेगळा  विभाग  असला  तर  काय   बहार  येईल. मी  स्वतः  आता  पर्यंत  कवितांवर चार  ते  पाच  कविताMKवर  पोस्ट केल्या   आहेत. बाकीच्या  कवींच्या  हि  काही  कविता  आहेतच. अशा  स्वतंत्र  विभागा  मुळे अजून   नवीन  कल्पना  सुचतील.

MK ला  विनंती  आहे. हे  शक्य  असल्यास  जरूर  प्रयत्न  करावा. मला  खात्री  आहे  कि  मैत्रीच्या   सदरा सारखाच  हा  कोपराहि   हळवा असेल.

MK ADMIN


MK ADMIN

prashant rode: I am deleting all your posts in this topic...krupaya yogaya tya section madhye yogya tya kavita/jokes post kara....

santoshi.world

@ prashant rode : topic kai ahe ani tumhi post kai karatay ...jokes sathi vegala "hasa leko" vibhag ahe Mk var... krupaya tithe he jokes post kelat tar bar hoil :D ...

MK ADMIN

Partially Banned Prashant Rode....email kela ahe tyanna..will remove ban on him once he replies...

केदार मेहेंदळे

MK admin,

thank you for considering my request. Your support force us to keep writing.

केदार मेहेंदळे

MK Admin,

Aaj suddha 2 kavita kavitewar post zalya aahet. mazya hya requestcha please vichar kara.

santoshi.world

Anil I m confuse about it... Kedar sir bolatat te hi barobar ahe pratyek kavi "kavita" hya vishayavar nidan ek kavita tari karat asatoch.... pan prashn ha ahe ki mag udya kuni Aai hya vishyavar navin section open karayala sangatil tar karan aai var hi barechjan kavita post kartat kinva asach dusra kontatari vishay .... so u decide about it .. :)

केदार मेहेंदळे

मन माझे तुफान वारा, अश्रू माझे पाऊसधारा...

caption awadl.....

Madam,

Mi fakt request keli aahe. Pan marketing madhe aslya mule followup karnyachi saway aahe.... baki kahi nahi.

Tumhi mhnata te barobar aahe. Kiti vibhag suru karayche.... pan tari mi punha request karin...