समर्थ समाधि

Started by विक्रांत, July 16, 2012, 10:43:18 PM

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विक्रांत

समर्थ समाधि  सज्जन गडी
शांतीची घडी   घातलेली
आसमंत शांत  गाभारा शांत
खोल ह्रदयात   नीरव शांत
मनाची जळमट  कामना  कळकट
गेली वाहत     सहज आज
श्रद्धा शक्तीचा  घेता प्रसाद
साधना पथ   साधका स्पष्ट

विक्रांत
http://kavitesathikavita.blogspot.in/

केदार मेहेंदळे

jay jay raghuvir samarth....

chan shlok......

shashaank