श्रावण दारी....

Started by shashaank, July 24, 2012, 02:22:01 PM

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shashaank

श्रावण दारी....

श्रावण दारी मना हुरहुरी....थांब ना सख्या जरा क्षणभरी

श्रावण वैरी साजण दूरी.....गळा हुंदका नजर भिरभिरी

श्रावण रानी लखलख पानी....दिठी विस्फारे लक्षदर्पणी

श्रावण झारी रेशीमधारी....सरसर येता फिर माघारी

श्रावण किरणे जादूभरली.....सप्तरंग लेऊन ये खाली

श्रावण ताजा गंधित हिरवा...... चहुबाजूंनी बरवा बरवा

श्रावण गाणे मधुर तराणे.....अंतरी आलापींचे लेणे

श्रावण कान्हा राधा अवनी....टिपरी वाजे थेंब होऊनी


-shashaank purandare.

केदार मेहेंदळे

श्रावण कान्हा राधा अवनी....टिपरी वाजे थेंब होऊनी
surekh.....

kavita chan aahe

विक्रांत

फार  छान,सुरेख !
विक्रांत

shashaank

केदार, विक्रांत - मनापासून आभार........

sneha padaval


shashaank


sweetsunita66

श्रावण दारी मना हुरहुरी....थांब ना सख्या जरा क्षणभरी........छान कविता शशांक  :) :)