" प्रिती "

Started by कवि - विजय सुर्यवंशी., August 05, 2012, 06:33:38 PM

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कवि - विजय सुर्यवंशी.

 " प्रिती "
"अमोघ बहार आला या प्रितीला,
  हरवून जाण्या येशील का माझ्या साथीला....
  अन सहवासाने  दोघांच्या,
   उधान येइल या चांदनरातीला "
                 कविवर्य - विजय अरुण सुर्यवंशी.
                              ( यांत्रिकी अभियंता )

केदार मेहेंदळे


मिलिंद कुंभारे


कवि - विजय सुर्यवंशी.

 :) thanks milindji and kedarji..

rudra


कवि - विजय सुर्यवंशी.