आयुष्य

Started by spandan123, October 20, 2012, 11:46:25 AM

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spandan123

 
आपल्या  आयुष्यावर  केवळ आपलाच  अधिकार  नसतो 
म्हणूनच  तर  आपण  एकटे  जगत  नसतो 
 
आयुष्यात  बंधनाचे  अनेक  धागे  गुंतलेले  असतात 
आपण  मात्र  फक्त  गुरफटलेले  असतो 
 
आयुष्यातला  हा  गुंता  सोडवणं  कधीच  शक्य  होत  नाही 
कारण  सगळ्याच  गोष्टी  आपल्या  मनासारख्या   होत  नाही 
 
हा  गुंता  सोडवायाचाही  नसतो   
गुरफटत  जाऊन  त्यातच  आनंद  शोधायचा  असतो 

आयुष  हे  असाच  जगायचं  असत   
दुख:  सोसून  दुसर्यासाठी  हसायचा  असत

भेटणाऱ्या  माणसांना  नाराज  करायचा  नसतं 
त्यांचाही  आपल्यावर  अधिकार आहे   असं  समजून  सावरायचं असत 

ह्या  जगात  कोणीतरी  कुठेतरी  आपल्यावर  मनापासून  प्रेम  करत  असतो 
म्हणूनच  कि  काय  आपण  आयुषभर  त्याची  वाट  पाहत  असतो   

आयुष्य  नुसत  जगायचं  नसतं  त्यावर  प्रेम  करायचं  असत 
कारण  आपल्या  आयुष्यावर  केवळ  आपलाच  अधिकार  नसतो 
आपल्या  आयुष्यावर  केवळ  आपलाच  अधिकार  नसतो 

Sandeep Gojare


विक्रांत

ragi beragi font colours tras dayak vattat ,font motha ani vegala vapral tar bare  hoil.
दुख:  सोसून  दुसर्यासाठी  हसायचा  असत
भेटणाऱ्या  माणसांना  नाराज  करायचा  नसतं 

हे विश्वची माझे घर
ऐसी मति जायची स्थिर
किंबहुना चराचर
आपण जाहला

spandan123

धन्यवाद विक्रांत ,
             आपली  प्रतिक्रिया आणि  सूचना बदल धन्यवाद